पाकिस्‍तान में कोरोना संकट के बीच हुआ ये, मौलवियों ने करी…

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, वक्फकुल मदरिस अल अरेबिया से जुड़े देश के करीब 50 से अधिक मौलवियों ने सरकार को इसके लिए चेतावनी भी दी है कि वो कोरोना वायरस का भय दिखाकर पाबंदियों को आगे न बढ़ाए। ये सभी मौलवी रावलपिंडी व इस्लामाबाद से ताल्लुक रखते हैं।

 

जानकारी के मुताबिक, इन सभी ने इस्लामाबाद के जामिया दारुल उलूम जकारिया में एक मीटिंग की थी जिसमें कोरोना की वजह से मस्जिदों में नमाज पढ़ने पर लगी पाबंदी को हटाने व इसको लेकर सरकार को चेताने पर आम राय बनी।

इस मीटिंग में इस संगठन से जुड़े वरिष्ठ मौलवियों के अतिरिक्त प्रतिबंधित संगठन अहले सुन्नत वल जमात के सदस्य भी शामिल हुए थे। मीटिंग के बाद बोला गया कि रमजान के पवित्र माह में इस तरह की कोई पाबंदी न लगाई जाए।

इस मीटिंग का वीडियो भी जारी किया गया है। मीटिंग के बाद जामिया दारुल उलूम जकारिया के अध्यक्ष पीर अजिजुर रहमान हजारवी ने बोला कि हम किसी से विवाद की स्थिति को टालना चाहते हैं।

आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव ज़िंदगी पर संकट बन ही जाती है। जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है।

वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 126000 से अधिक मौते हो चुकी है। वहीं एक तरफ जहां पाकिस्तान में कोरोना वायरस लगातार अपने पांव पसार रहा है.

वहीं, दूसरी तरफ कट्टरपंथी मौलवियों का गुट चाहता है कि सरकार मस्जिदों में सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने की बंदिशों को आगे बढ़ाने की भूल न करे।