इस नेता ने पीएम मोदी की तुलना हिटलर से की, कहा जर्मनी में जो…अब भारत में हो रहा…

पंजाब विधानसभा ने शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया और केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की ।

 

इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का काम तब तक रोकने का आग्रह किया है, जब तक कि इससे जुड़े प्रपत्रों या दस्तावेजों को उचित रूप से संशोधित नहीं किया जाता है.

ताकि इस आशंका को दूर किया जा सके कि यह राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का पहला चरण है और भारत की नागरिकता से एक वर्ग को वंचित करने तथा संशोधित नागरिकता कानून लागू करने के लिए बनाया गया है ।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने भावुक स्वर में कहा, ”गरीब कहां जायेंगे और कहां से वह अपना जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे….यह एक बड़ा हादसा है ।

और बड़े दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि मेरे जीवनकाल में….काश मैं यहां नहीं होता जब यह सब मेरे देश में हो रहा है … राजनीति के लिए जब भाईचारे को समाप्त किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में हम कहां जा रहे हैं ?” उन्होंने दावा किया कि 1930 के दशक में हिटलर के जर्मनी में जातीय सफाये के लिए जो किया गया था, अब वही घटनायें भारत में हो रही हैं

कैप्टन ने जोर देकर कहा, ”जर्मन नागरिकों ने उस वक्त आवाज नहीं उठायी और इसका उन्होंने अफसोस किया, लेकिन हमें अब बोलना है ताकि हम बाद में अफसोस नहीं करें ।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष, विशेष रूप से अकालियों से अपील की कि वे हिटलर की किताब ”मेन कैम्प्फ” (मेरी लड़ाई) पढ़ें ताकि उन्हें सीएए के खतरें समझ आ सकें।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के खिलाफ है और दावा किया कि 1930 के दशक में एडोल्फ हिटलर ने जो जर्मनी में किया था वैसी ही कार्रवाई अब देश में हो रही है ।

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कैप्टन ने इस कानून को ”विभाजनकारी” तथा प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी को ”हादसा” करार दिया ।

उन्होंने कहा कि उनके लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में जो घटनायें हो रही है वह उनके जीवनकाल में हो रही हैं । मुख्यमंत्री ने कहा, ”आप इस देश के धर्मनिरपेक्ष ढ़ांचे को बदलना चाहते हैं।

जो हो रहा है, वह बेहद दुखद है । हमने भी ऐसा कुछ नहीं सोचा था । हम केवल राजनीति के लिए भाईचारे को तोड़ना चाहते हैं ।” उन्होंने कहा, ”स्पष्ट है कि इतिहास से हमने कुछ भी नहीं सीखा है ।”