भारतीय सेना ने शुरू की बड़े पैमाने पर ये तैयारी, देख कॉप उठा चीन

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बुधवार को कहा कि सरकार हर महीने सीरोलॉजिकल सर्वे कराएगी. ताकि पता लगाया जा सके कि कितने लोगों में कोविड-19 के ख़िलाफ़ एंटीबॉडी बन गई हैं और कोरोना वायरस दिल्ली में और कितना फैल गया है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक़, ये सर्वे अगस्त से हर महीने पहले के पाँच दिनों में हुआ करेगा.

 

रक्षा मंत्री ने कहा कि उस तरह की तैयारी रखनी चाहिए जैसे भारतीय वायु सेना ने बालाकोट स्ट्राइक किया था और जैसे वो लद्दाख में तुरंत तैनात हो गई. रक्षा मंत्री के इस बयान को कड़े संदेश की तरह देखा जा रहा है.

इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बुधवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान के फ़्रंट पर किसी भी संभावना से तुरंत निपटने के लिए भारतीय सेना को तैयार रहना चाहिए.

बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अगर लद्दाख में आम तौर पर हर साल 30 हज़ार मिट्रिक टन राशन की ज़रूरत पड़ती है, तो इस साल वहाँ क़रीब दोगुना राशन की ज़रूरत होगी. क्योंकि वहाँ अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है.”

भारतीय सेना ने ये लॉजिस्टिकल एक्सरसाइज़ बड़े पैमाने पर शुरू कर दी है, ताकि वो अपने सैनिकों को पर्याप्त विशेष राशन और दूसरे सामान पहुँचा सके. ये सब ऐसे वक़्त में किया जा रहा है, जब चीनी सैनिक अब तक पैंगोंग सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग से पूरी तरह से पीछे नहीं हटे हैं.

एक सेना तभी लड़ सकती है, जब उसके पास खाने का पूरा सामना हो. लेकिन उसे विशेष कपड़ों, रहने के लिए बनाई गई जगह, तम्बू, ईंधन और उन सारे उपकरणों की भी ज़रूरत होती है, जिससे वो पूर्वी लद्दाख जैसे ऊँचे इलाक़े की ठंड झेल सके.