टिड्डों को लेकर समने आया ये बड़ा सच, होने जा रहा…

पाकिस्तान में बीते कई हफ्तों से ये टिड्डे फसलों को चट कर रहे हैं. इससे निपटने के लिए पाक की एग्रीकल्चरल रीसर्च काउंसिल के बायोटेक्नोलॉजिस्ट जौहर अली के अनुसान भुखमरी से बचने के लिए इससे बेहतर कोई उपचार संभव नहीं था.

यमन में 2019 में इस तरह के आइडिया का प्रयोग किया गया था. किसानों को इन टिड्डों को पकड़ने के लिए बोला गया. इसके बाद इनसे 20 रुपये किलो के हिसाब से टिड्डे खरीदे गए. हर रात 7 टन टिड्डे पकड़े गए. इससे किसानों को हर रात 20 हजार पाकिस्तानी रुपये की कमाई हुई.

दरअसल टिड्डो से बने दानों की न्यूट्रिशनल वैल्यू बहुत ज्यादा अच्छी होती है. इसे चिकन को दिया जाता है. इसके साथ मच्छी, पोल्ट्री व डेरी को दिया जा सकता है.

अभी प्रोटीन के लिए सोयाबीन (Soyabeen) का प्रयोग किया जाता है. इसमें 45 फीसदी प्रोटीन होता है. वहीं टिड्डों में ये 70 फीसदी तक होता है. इन्हें खाने के लिए तैयार करने में भी ज्यादा वक्त व खर्च नहीं आता है. इन्हें पकड़कर सुखाना होता है. पाक (Pakistan) के कई प्रांतों में टिड्डे (locusts) फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. मगर यहां के किसानों ने इसका हल ढूंढ़ निकाला है.

पाकिस्तान के ओकारा जिले में किसानों को इसका उपचार मिल गया है. किसान अब इन टिड्डों को पकड़ रहे हैं व इनका चारा तैयार कर रहे हैं.

इसका प्रयोग ये जानवरों को खिलाने के लिए कर रहे हैं. जानवरों का खाना तैयार करने वाली मिलों में इन टिड्डों को मुर्गी के खाने के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है.