सरकार ने सुनाया बड़ा फरमान, कहा मुस्लिम नहीं होंगे…

दिल्ली हिंसा के पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है। सर्वोच्च अदालत इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगी।

इस याचिका में याचिकाकर्ताओं द्वारा भड़काऊ भाषण देने के आरोपी भाजपा नेताओं कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।

ये याचिका उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के शिकार 10 पीड़ितों द्वारा याचिका की गई है। वायरल वीडियो में उमर खालिद कहते हुए सुने जा रहे हैं, “हम वादा करते हैं जब डोनाल्ड ट्रंप भारत आएंगे तो हम उन्हें बताएंगे कि प्रधानमंत्री और हिन्दुस्तान की सरकार, हिन्दुस्तान को बांटने का काम कर रही है.

हम तमाम लोग 24 तारीख को सड़कों पर उतर कर आएंगे. क्या आप लोग सड़कों पर उतरकर आएंगे?” गौरतलब है कि ट्रंप के आने के बाद भड़क गए थे.

बता दें कि उमर खालिद के पिता सैयद कासिम रसूल इलियास दिल्ली में ही ऊर्दू की मैगजीन ‘अफकार-ए-मिल्ली’ चलाते हैं. उमर ने इतिहास में एमए और एमफिल किया है.

वह जेएनयू में डीएसयू (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन) से जुड़े रहे हैं. इसे प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी पार्टी का समर्थक माना जाता है. उन पर देश विरोधी नारों को लेकर केस भी चल रहा है.

9 फरवरी साल 2016 को जेएनयू में देश विरोधी नारे और आतंकी अफज़ल गुरु के समर्थन में नारे लगाने के आरोप में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था. तीनों की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन बाद में इन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इस केस में अभी जांच जारी है.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Kahlid) का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह रने की बात कर रहे हैं.

इस वीडियो के सामने आने के बाद उनपर सवाल उठने लगे हैं. वीडियो को बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है.

अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “देशद्रोह का आरोप झेल रहे उमर खालिद ने 17 फरवरी को अमरावती में भाषण दिया था, इस भाषण में उन्होंने मुस्लिम लोगों को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे के दौरान 24 फरवरी को बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरने के लिए कहा था. क्या दिल्ली में भड़की हिंसा की टुकड़े-टुकड़े गैंग ने हफ्तों पहले प्लानिंग कर ली थी?”