यूपी की तर्ज पर दिल्ली में भी अब दंगाईयों द्वारा किये गए नुकसान को उनकी संपत्ति से वसूलेगी सरकार

 यूपी की तर्ज पर दिल्ली में भी दंगाईयों से संपत्ति के नुकसान की वसूली की जा सकती है। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस इसकी तैयारी में जुट गई है। जुर्माना नहीं देने पर दंगाइयों की संपत्ति कुर्क की जाएगी। पुलिस ने इसके लिए उच्च न्यायालय से एक क्लेम कमिश्नर नियुक्ति करने की गुजारिश भी की है। एसआईटी और स्थानीय पुलिस को नगर निगम अधिकारियों के साथ मिलकर नुकसान का ब्‍यौरा जुटाने को कहा गया है। जांच रिपोर्ट तकनीकी समिति के सामने रखी जाएगी जो नुकसान का आकलन करेगी। इसके बाद क्लेम कमिश्नर के निर्देश पर वसूली शुरू होगी।

देश की राजधानी दिल्ली में तीन दिनों तक चली हिंसा और दंगे में करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अब दिल्ली सरकार और पुलिस दंगे में हुए नुकसान का हिसाब-किताब करने में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबित, 400 गाड़ियां स्वाहा हो गयीं, 65 बसों को भी दंगाईयों ने नुकसान पहुंचाया, 250 मकान और दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ हुई।

जिस मकान को जिंदगी पर की पाई-पाई जोड़ कर बनाया, वो दंगाइयों ने पलभर में खाक कर दिया। जिस गाड़ी को बड़ी उम्मीदों से खरीदा, हजारों संपने संजोए, उसे दंगाइयों ने पेट्रोल बम से जलाकर स्वाहा कर दिया। कुछ दिन के उजाले में तो कुछ रात के अंधेरे में हुआ। दिल्ली हिंसा ने न जाने कितने लोगों को जिंदा रखते हुए भी खत्म कर दिया, अपने जले हुए मकान और दुकानों को देखकर अब ये सोच-सोच कर परेशान हैं कि कभी इसकी भरपायी हो भी पाएगी या नहीं।

दिल्ली हिंसा में जो हालात बने उसने करोड़ो की सम्पत्ति और गाड़ियों को नुकसान हुआ। सूत्रों के मुताबिक तीन दिनों तक चले दिल्ली दंगे में करीब

400 गाड़ियां

65 बसें

450 बाइक

250 ई रिक्शा

150 ऑटो रिक्शा

230 मकानों और दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़

6 स्कूलों को नुकसान

11 सरकारी संपत्ति का नुकसान

को दंगाईयों ने आग के हवाले कर दिया। गाड़ियों के अलावा सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को भी जमकर नुकसान पहुंचाया गया है।

इतना ही नहीं, करीब तीन दिनों में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबार का भी नुकसान हुआ है। दंगा शुरू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर के अलावा देश भर से रोजाना कारोबार के लिए आने वाले 5 लाख से अधिक कारोबारियों ने थोक बाजारों चांदनी चौक, सदर बजार, अनाज मंडी और रेडिमेड मार्केट गांधीनगर में आना बंद कर दिया था। इससे चांदनी चौक, सदर बाजार, अनाज मंडी सहित कई मार्केट में पटरी से उतरा कारोबार। रोजाना करीब 45 हजार ट्रकों की जगह फिलहाल पहुंच रहे है। 12 हज़ार ट्रक दिल्ली में जो हालात बने उससे लगभग 1000 करोड़ का नुकसान हुआ है। हालांकि, अभी सरकारी आंकड़े आने के बाद ही नुकसान की सही तस्वीर सामने आएगी। फिलहाल दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार दोनों ही हिंसा में हुए नुकसान का आकलन करने में जुटी हैं।