सरकार ने लागू किया ये नया नियम, कहा अब लड़कियों की इतनी होगी निर्धारित

अदालत के फैसले में कहा गया है कि लड़कियों को वैवाहिक दुष्कर्म से बचाने के लिए बाल विवाह को पूरी तरह से गैर कानूनी घोषित कर देना चाहिए.

पर शीर्ष अदालत ने भी विवाह की आयु पर निर्णय लेने का फैसला सरकार पर छोड़ दिया था.अभी यह उम्र लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष है. इस आशय का ऐलान केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट सत्र में किया था.

उन्होंने कहा था कि सरकार वैवाहिक आयु को तय करने पर विचार कर रही है. इसके लिए एक टास्क फोर्स कमेटी भी गठित की गई है.

जो छह माह में इस पर अपनी रिपोर्ट देगी. सरकार के इस आदेश के पीछे शीर्ष अदालत का एक फैसला है.अदालत के फैसले में कहा गया है कि लड़कियों को वैवाहिक दुष्कर्म से बचाने के लिए बाल विवाह को पूरी तरह से गैर कानूनी घोषित कर देना चाहिए. पर शीर्ष अदालत ने भी विवाह की आयु पर निर्णय लेने का फैसला सरकार पर छोड़ दिया था.

इसके अलावा यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार भारत मे 27 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल तक की उम्र में और 7 फीसदी की 15 साल तक की आयु में हो रही है. जिसका सीधा असर कम आयु में मां बनने और प्रसव के दौरान माँ की मौत पर पड़ रहा है.

केंद्र की मोदी सरकार लड़कियों की वैवाहिक आयु को 21 वर्ष करने पर गंभीरता से मंथन कर रही है. मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार इसकी कवायद में जुटी हुई है.

इसके लिए केंद्र सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में विवाह की उम्र, सजा और जुर्माना सहित बदलावों पर काम कर रही है. इसके लिए कानून मंत्रालय से भी सलाह ली जा रही है.