मुस्लिम समुदाय को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, सरकार ने कहा ये लोग…

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में पिछले महीने हुए तबलीगी जमात के एक धार्मिक प्रोग्राम के बाद कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से हुई वृद्धि व देश के विभिन्न हिस्सों में यह महामारी फैलने के लिए खासतौर पर सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को जिम्मेदार ठहराए जाने की रिपोर्ट के बाद यह परामर्श जारी किया गया.

 

सोशल मीडिया पर की जा रही इस तरह की टिप्पणियों को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी परामर्श में बोला गया है कि किसी संक्रामक बीमारी के फैलने से उपजी जन स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के कारण पैदा होने वाले डर व चिंता, लोगों व समुदायों के खिलाफ पूर्वाग्रह तथा सामाजिक अलगाव को बढ़ावा देती है. इस तरह के बर्ताव से आपसी बैर भाव, तानाशाही व अनावश्यक सामाजिक बाधायें बढ़ती हैं.

परामर्श में मौजूदा परिस्थितियों में लोगों द्वारा किये जाने वाले व न किए जाने वाले कार्यों को भी सूचीबद्ध किया गया है. इसमें स्वास्थ्य, सफाई या पुलिस कर्मियों पर निशाना साधने से बचने की अपील करते हुये बोला गया है कि ये लोग जनता की सहायता के लिए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक किये गये परामर्श में चिकित्सा कर्मी, सफाई कर्मी व पुलिस कर्मियों को महामारी के विरूद्ध जारी अभियान में अग्रिम मोर्चे का कार्यकर्ता बताया गया है.

इसमें बोला गया है कि संक्रमण के बारे में डर व गलत जानकारियों के प्रसार के कारण इन लोगों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने को लेकर मुद्दे भी दर्ज किये गये हैं.

चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण सन् 2019-20 काल में तेज़ी से उभरकर 2019-20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा।

सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के लिए किसी समुदाय या जगह पर दोषारोपण नहीं करने का एक परामर्श जारी करते हुए लोगों से ऐसा करने से बचने की अपील की.