चीन में लगातार गहराता जा रहा बिजली संकट , परेशान हो रहे लोग

चीन में बिजली संकट लगातार गहराता जा रहा है. इससे आम लोग तो परेशान हैं ही, साथ ही फैक्ट्रियों तक में काम नहीं हो पा रहा. बिजली कटौती के कारण हालात इतने बिगड़ गए हैं कि एपल और टेस्ला जैसी बड़ी कंपनियों का कारोबार तक प्रभावित हो रहा है (Electricity Crisis in China).

इन कंपनियों के कुछ सप्लायर्स को अपने कई प्लांट पर काम रोकना पड़ा है. बिजली संकट के कारण कंपनियों का उत्पादन पहले की तरह नहीं हो पा रहा. कंपनियों से कहा गया है कि वह कम मात्रा में उत्पादन करें, ताकि बिजली की खपत भी कम हो. लेकिन सरकार की इसी रोक से दुनियाभर में सप्लाई चेन पर असर पड़ना तय है.

इस संकट के पीछे की दो वजह बताई जा रही हैं. पहली कोयले की कमी और दूसरी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्यों को पूरा करना. जिसके चलते सरकार बिजली कटौती कर रही है. चीनी सरकार जिनपिंग के इन लक्ष्यों को हकीकत में बदलने के लिए काम कर रही है (China Power Crisis Reason). संकट ऐसे समय में आया है, जब देश में विनिर्माण अधिक होने के कारण कोयले और गैस की मांग काफी बढ़ गई है और इसी वजह से इनके दाम में भी भारी इजाफा हुआ है. चीन के इन फैसलों का असर वैश्विक आपूर्ति श्रंख्ला पर होगा, जो पहले से ही कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण प्रभावित है.

कंपनियों का काम ठप होने से वैश्विक स्तर पर कंप्यूटर-चिप की कमी हो जाएगी. जिसके चलते टेक कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ेगा. एक रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली कंपनियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ताइवान की 10 से अधिक कंपनियों ने महीने के आखिर तक काम बंद करने का फैसला लिया है (China Power Crisis). एपल और टेस्ला को सप्लाई करने वाली ताइवान की तीन इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों ने रविवार को कहा कि इन्हें मजबूरन चीन में स्थित अपनी कंपनियों में काम रोकना पड़ रहा है.