चीन से निपटने के लिए अमेरिका कर रहा इस देश की पूरी मदद, भजे रहा खतरनाक हथियार…

चीन और ताइवान के बीच तनाव उस समय बढ़ गया जब पिछले महीने फिजी में दोनों देशों के राजनयिकों के बीच हाथापाई हो गई थी। वहीँ, ताइवान की मदद करने के लिए अमेरिका भी सामने आया और उसने हार्पून पावर देकर ताइवान की ताकत को कई गुना बढ़ा दिया है।

 

बताया जा रहा है कि अमेरिका ने ताइवान के साथ एक सैन्य डील साइन की थी जिसमें अमेरिका ताइवान को 60 करोड़ डॉलर के सशस्त्र ड्रोन बेच रहा है। अमेरिका से मिल रहे हथियारों के बाद ताइवान को अपनी सैन्य शक्ति और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने में काफी सहायता मिल रही है।

इसके साथ ही ताइवान ने स्पाइक्स से कुछ ही दूरी पर टैंक भी तैनात किए है। इन्हें समुद्र में काफी दूर से साफ तौर से देखा जा सकता है। हालांकि इसके साथ ही रिपोर्ट यह भी कह रही है कि शायद समुद्री तट पर कोई स्मारक बनाया जा रहा है और उसी के लिए ये लगाए जा रहे हैं।

इस बारे में ‘द एशियन पोस्ट’ की एक रिपोर्ट सामने आई है। इसके मुताबिक, चीन के समुद्री हमले और सुरक्षा के मद्देनज़र ताइवान ने यह कदम उठाया है।

समुद्री तटों पर लगाई गई एंटी लैंडिंग स्पाइक लोहे की नुकीली छड़ें होती हैं। जो इस उद्देश्य से लगाई जाती है ताकि दुश्मन की सेना समुद्री रास्ते से देश में न घुस सके। बता दें, ताइवान ने किनमेन द्वीप के समुद्री तटों पर यह एंटी लैंडिंग स्पाइक लगाए हैं।

लेकिन इन सब के बीच ताइवान ने चीन को सबक सिखाने के लिए जोरदार तरीका अपनाया है। जानकारी के अनुसार ताइवान ने समुद्री तटों पर चीन की एंट्री को रोकने के लिए एंटी लैंडिंग स्पाइक लगा दिए हैं।

चीन और ताइवान के बीच का तनाव कभी भी युद्ध का रूप ले सकता है। दोनों देशों के बीच युद्ध होने की आशंकाएं काफी लंबे समय से जताई जा रही हैं। ताइवान साल 1949 के गृहयुद्ध में चीन से अलग हो गया था और तभी से चीन उसपर कब्जा करने का सपना देख रहा है।