बिगड़ते जा रहे अफगानिस्तान के हालात, गवर्नर से लेकर पुलिस चीफ तक हिरासत में

तालिबान ने हेरात के अलावा कंधार पर भी कब्जा जमा लिया है, जिसे अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर कहा जाता है। बीते एक सप्ताह में ही तालिबान ने देश के 13 प्रांतों पर कब्जा कर लिया है।

 

गुरुवार की रात को उसने कंधार पर कब्जा किया और फिर सुबह होते-होते लश्कर गाह शहर भी उसके हवाले हो गया था। यही नहीं अब तालिबान का अगला टारगेट काबुल दिखता है और पश्चिमी देशों ने अपने दूतावासों से राजनयिकों को निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिका ने अपने 3,000 सैनिकों को वापस अफगानिस्तान भेजा है, जो उसके डिप्लोमैट्स को सुरक्षित निकालने का काम करेंगे।

दक्षिणी अफगानिस्तान में कंधार और पश्चिम में हेरात प्रांत पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान अब काबुल के बेहद नजदीक पहुंच गए हैं। इस बीच गुरुवार को कतर की मध्यस्थता में तालिबान से बातचीत के दौरान अफगानिस्तान सरकार ने उसे सत्ता में साझेदारी का ऑफर दिया है, लेकिन उसके लिए हिंसा छोड़ने की शर्त रखी है। लेकिन तालिबान अब भी राष्ट्रपति अशरफ गनी की विदाई को लेकर अड़ा हुआ है।

अफगानिस्तान में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। एक के बाद राज्यों पर तालिबान का कब्जा हो रहा है और चौतरफा अफरातफरी का माहौल है। इस बीच हेरात प्रांत की पूरी सरकार ने ही तालिबान के आगे सरेंडर कर दिया है।

यही नहीं राज्य के गवर्नर, पुलिस चीफ, एनडीएस ऑफिस के हेड को तालिबान ने हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा तालिबान के खिलाफ जंग के प्रतीक रहे मोहम्मद इस्माइल खान को भी तालिबान ने हिरासत में लिया है। Tolo न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।