पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का हुआ ऐलान , 10 मार्च को आएंगे नतीजे

चुनाव आयोग (ECI) ने शनिवार को पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों (Vidhan Sabha Chunav 2022 Dates) की घोषणा कर दी।

गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए आयोग ने बताया कि पंजाब में सभी 117 सीटों पर मतदान होगा। पंजाब में सभी सीटों के लिए मतदान एक ही चरण में पूरा हो जाएगा। पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 14 फरबरी को होगा। 10 मार्च को पंजाब समेत सभी 5 राज्यों में वोटों की गिनती होगी।

ये है पंजाब विधानसभा चुनाव का पूरा कार्यक्रम:

अधिसूचना जारी : 21 जनवरी

अधिसूचना की अंतिम तिथि: 28 जनवरी

नामांकन की स्क्रूटनी: 29 जनवरी

उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि: 31 जनवरी

मतदान की तिथि: 14 फरवरी

मतगणना : 10 मार्च

मुख्य चुनाव आयुक्त ने तारीखों की घोषणा से पहले बताया कि कोरोना के चलते चुनाव कराना काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन आयोग ने इसकी पुख्ता तैयारी की है। आयुक्त ने बताया कि इस बार पांच राज्यों में 18.34 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं। 15 जनवरी तक कोई फिजिकल रैली, रोड शो, पदयात्रा, साइकिल-बाइक रैली की इजाजत नहीं होगी।

बता दें कि वर्तमान उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है, जबकि पंजाब व अन्य तीन विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है। तारीखों की घोषणा के बाद पंजाब में आज से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। पंजाब सदन का कार्यकाल 27 मार्च को समाप्त हो रहा है। भाजपा पंजाब में कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए आक्रामक रूप से प्रचार कर रही है।

2017 के चुनावों में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सत्ता में आने वाली कांग्रेस ने पिछले साल सितंबर में अमरिंदर को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया था। अब कैप्टन ने अपनी अलग पार्टी बनाई है और वे भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। भाजपा इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पीएलसी और सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी शिअद (संयुक्त) के साथ चुनावी मैदान में है। इसके अलावा अकाली दल इस बार बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।

पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन के बाद माहौल अलग है। ज्ञात हो कि भारी विरोध के बाद केंद्र ने इन कानूनों को वापस ले लिया था। वहीं पिछले कुछ महीनों में पंजाब में तेजी से हुए घटनाक्रम ने चुनावी लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।

इस सप्ताह की शुरुआत में लुधियाना-फिरोजपुर राजमार्ग पर पीएम मोदी के काफिले से जुड़े सुरक्षा उल्लंघन के मामले ने पंजाब चुनाव को और रोचक बना दिया है। कांग्रेस और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का तर्क है कि कोई सुरक्षा उल्लंघन नहीं हुआ था।

117 सदस्यों वाली पंजाब विधानसभा का चुनाव 4 फरवरी 2017 को हुआ था जिसके मतों की गिनती 11 मार्च 2017 को हुई थी। 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव में 77.2% मतदान हुआ था और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने सत्तारूढ़ गठबंधन और नई नवेली आम आदमी पार्टी को हराकर सरकार बनाई थी।

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 77 सीटें जीतकर दस साल बाद सत्ता में लौटी जबकि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन केवल 18 सीटों पर सिमट गया था। आम आदमी पार्टी 20 सीट जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनी।