सुशांत के पोस्टमार्टम में मिली थी ये खतरनाक चीज, डॉक्टरों ने कहा…

जवाब: पोस्टमॉर्टम के लिए मजिस्ट्रेट की इजाजत की जरूरत तभी होती है, जब कस्टडी में किसी की मौत हुई हो या दंगे में कोई मरा हो यानी जिसकी मौत 176 CrPC के तहत हुई हो. सुशांत का मामला 174 CrPC के अंतर्गत आता है, जहां पुलिस के पास पोस्टमॉर्टम करवाने का अधिकार है.

 

जवाब: पुलिस अधिकारी हमारे पास आए थे, उन्होंने ही हमसे पोस्टमॉर्टम करने को कहा था इसलिए कर दिया गया था. ऐसा कोई नियम नहीं है कि पोस्टमॉर्टम रात को नहीं हो सकता है. 2013 के एक सर्कुलर के अनुसार रात को भी पोस्टमॉर्टम किया जा सकता है.

अपनी चिट्ठी में सुशांत के परिवार के वकील ने कई दावे किए हैं, जिनपर अब पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम ने जवाब दिया है. विकास सिंह के द्वारा लिखे गए खत में क्या-क्या फैक्चुअल एरर की बात कही गई है, उन्हें जानिए..

सवाल: सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में निशान की बात कही गई है, फिर इसमें किसी चोट का जिक्र क्यों नहीं है?जवाब: अगर आप पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के कॉलम 17 को देखें तो निशान ( ligature marks) की बात कही गई है, उसके अलावा कोई चोट नहीं थी.

फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर अभी भी गुत्थी उलझी हुई है. सीबीआई के द्वारा गठित एम्स के पैनल ने सुशांत की मौत को आत्महत्या बताया है.

लेकिन सुशांत के परिवार के वकील इसे मानने को तैयार नहीं. वकील विकास सिंह ने इस मामले में सीबीआई को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें दोबारा फॉरेंसिक टीम गठन की मांग की गई है और इसके अलावा मौजूदा जांच में कमियां गिनाई गई हैं.