कोरोना वायरस का ये अनोखा ‘इलाज’ बना चर्चा का विषय, गाय के मल-मूत्र का यहाँ सेवन कर रहे लोग

कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है तो वहीं कई देशों ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. इस वायरस ने कई देशों को प्रभावित किया है तो भारत में भी इसने दस्तक दे दी है. सरकार ने भी इस वायरस को रोकने के लिए कई तरह के प्रयास शुरू कर दिए हैं. इस बीच कोरोना वायरस का ‘इलाज’ चर्चा का विषय बना हुआ है.

लोगो का  का कहना है, ‘मेरे पास दो गायें हैं. एक भारतीय गाय और दूसरी जर्सी. मैं उनके दूध को बेचकर जीवनयापन करता हूं. जब मैंने टीवी पर गोमूत्र पार्टी देखी, तब मुझे महसूस हुआ कि मैं गोमूत्र और गोबर बेचकर अधिक लाभ कमा सकता हूं. मैं अपने व्यवसाय में गायों के हर हिस्से का उपयोग कर सकता हूं.

हालांकि, अली के स्टाल में एक लीटर गोमूत्र और जर्सी गायों के एक किलो गोबर सस्ती दर पर उपलब्ध हैं. इस पर उनका कहना है कि एक जर्सी गाय भारतीय गाय की तरह शुद्ध नस्ल नहीं है इसलिए, इसके गोमूत्र भी ज्यादा मांग नहीं है.’ अली ने कहना है कि शुरुआती प्रतिक्रिया ‘अच्छी’ रही है. मैं इस व्यापार को जारी रखने की कोशिश करूंगा.’

भारत में कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने के लिए गोमूत्र 500 रुपये लीटर और गाय का गोबर 500 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं एक दूध विक्रेता का कहना है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी से 20 किमी दूर सड़क के किनारे उसने अपनी एक दुकान लगाई है जहां वो गोमूत्र और गोबर बेचता है