केंद्र सरकार द्वारा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद के सृजन के निर्णय पर कांग्रेस पार्टी (Congress) ने सवाल किया है। कांग्रेस पार्टी नेता मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने आरोप लगाया है कि सरकार ने CDS पद को लेकर गलत कदम उठाया है। मनीष तिवारी ने ट्वीट किया- ‘रक्षामंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार को नामित करने के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुखों की ओर से सरकार को दिये जाने वाले सैन्य सुझावों पर क्या प्रभाव होगा? क्या CDS की सलाह संबंधित सेवा प्रमुखों की सलाह से ज्यादा सम्मान रखेगी?’
तिवारी ने कहा, ‘क्या रक्षा मंत्री को तीनों सेनाओं के मुखिया अपनी रिपोर्ट रक्षा सचिव या सीडीएस के माध्यम से देंगे?’ सवाल किया कि ‘रक्षा सचिव की तुलना में सीडीएस की शक्तियां क्या होंगी? क्या नियम 11 के संदर्भ में रक्षा सचिव रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक प्रमुख बने रहेंगे? सैन्य मामलों के लिए प्रस्तावित विभाग के अधिकार क्या होंगे?’
मनीष तिवारी ने कहा, ‘क्या सीडीएस सेवा प्रमुखों के विषय में तीनों सैन्य प्रतिष्ठानों व संगठनों से ऊपर रहेगा? सिविल सैन्य संबंधों पर सीडीएस की नियुक्ति के निहितार्थ क्या हैं?’
बता दें कि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया। सीडीएस का कार्य सेना, नौसेना व वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना व देश की सैन्य ताकत को व मजबूत करना होगा। सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी।
बता दें कि जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था। वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे थे। सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाक से लगी नियंत्रण रेखा, चाइना से लगी असली नियंत्रण रेखा व पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार ने जनरल रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करने का निर्णय किया है जो 31 दिसंबर से आगामी आदेश तक प्रभावी होगा व जनरल रावत की सेवा अवधि 31 दिसंबर से तब तक के लिए बढ़ाई जाती है, जब तक वह सीडीएस ऑफिस में रहेंगे। ’ सरकार द्वारा नियमों में संशोधन करके सेवानिवृत्त की आयु बढ़ाकर 65 साल करने के बाद जनरल रावत तीन वर्ष के लिए सीडीएस के तौर सेवाएं दे सकेंगे।