इस कांग्रेसी नेता ने मोदी सरकार पर लगाया आरोप बताया आदिवासियों से जबरन जमीनें छीनकर उसे उद्योगपति मित्रों…

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया कि यदि झारखंड में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) महागठबंधन की सरकार बनी तो सभी किसानों के ऋण माफ कर दिए जाएंगे। गांधी ने यहां विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड में अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों के ऋण माफ कर दिए गए। इसी तरह यदि झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनी तो यहां कि किसानों के भी कर्ज माफ कर दिए जाएंगे।

कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में आज तक किसानों की ऋण माफी की घोषणा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आदिवासियों ने जबरन जमीनें छीनकर उसे प्रधानमंत्री मोदी के उद्योगपति मित्रों को दी जा रही है। गांधी ने कहा कि झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनती है तो सबसे पहले किसानों के ऋण माफ कर दिए जाएंगे। आदिवासियों की जमीन की सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी तथा बेरोजगारी की समस्या का भी समाधान कर दिया जाएगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार में उद्योगपतियों को आसानी से जमीनें मिल जा रही हैं, लेकिन किसानों को उनकी फसल का उचित दाम तक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने इस वर्ष लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस की ओर से प्रस्तावित न्याय योजना पर कहा कि इस योजना के तहत देश के गरीबों के खाते में एक निश्चित राशि भेज दी जाती लेकिन उनकी पार्टी सरकार नहीं बना सकी। उन्होंने कहा कि न्याय योजना से रोजगार सृजन में भी मददगार साबित होती। गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से देश आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत गरीबों की जेब से उनकी गाढ़ी कमई उड़ा ली गई। जब गरीबों के पास पैसे नहीं बचे तो उनकी क्रय शक्ति क्षमता भी कमजोर हो गई। इस वजह से कारखाने बंद होने लगे। मालिकों ने अपने-अपने संयंत्रों में छंटनी शुरू कर दी, जिससे देश में बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच गई। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह समझने में सक्षम नहीं हैं कि उनके निर्णयों की वजह से देश आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया है। लेकिन, यह समझना जरूरी है कि जब गरीबों की जेब में पैसे आएंगे तभी बेरोजगारी से लड़ा जा सकेगा।

गांधी ने पिछले कुछ वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार में आम लोगों की गाढ़ी कमाई बैंकों में जमा कराई गई और उसे माल्या, अंबानी और चोकसी जैसे उद्योगपतियों को दे दिए गए। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन-यापन करने वाले लोगों को हर महीने 35 किलोग्राम अनाज दिया जाता था, जिसे मोदी सरकार में घटाकर पांच किलोग्राम कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए शुरू की गई महात्मा गांधाी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगारी गारंटी योजना (मनरेगा) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को बंद कर दिया गया।