कांग्रेस नेता चिदंबरम का सरकार पर साधा निशाना, कहा – इन लोगो के साथ हो रहा विश्वासघात

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने मंगलवार को श्रीलंका के मानवाधिकार रिकॉर्ड के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. यह श्रीलंका के लिए एक बड़ा झटका है.

इस प्रस्ताव में जाफना में लिट्टे के खिलाफ अभियान के दौरान श्रीलंकाई सेना पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने और बड़ी संख्या में तमिल लोगों पर अत्याचार करने के आरोप लगाए गए हैं.

श्रीलंका ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की काफी कोशिशें कीं, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. भारत की ओर से भी उसे समर्थन नहीं मिला, क्योंकि भारत ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया.

इससे पहले इस मामले पर चिदंबरम ने कहा था, “यह दुखद है कि श्रीलंका में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, विशेषकर तमिलों का. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है.

ताकि श्रीलंका से इस तरह के उल्लंघन के लिए जवाबदेहिता को तय किया जा सके. भारत को संकल्प के पक्ष में मतदान करना चाहिए और तमिलों और अन्य समुदायों के साथ खड़े होना चाहिए जिन्हें मानव अधिकारों से वंचित किया गया है.”

पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, “संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की बैठक में श्रीलंका (Sri Lanka) के खिलाफ लगे मानवाधिकारों के उल्लंघन वाले प्रस्ताव पर हो रही वोटिंग से भारत ने किनारा कर लिया.

यह तमिल लोगों (Tamils) और उनकी सर्वसम्मत भावना और इच्छा के साथ एक बड़ा विश्वासघात है. इससे तमिलों के हितों को गहरा आघात पहुंचा है, जिसके लिए तमिलनाडु के लोगों को AIADMK और BJP के गठबंधन को दंडित करना चाहिए.”

तमिलनाडु में विधानसभा चुनावों (Tamil Nadu assembly elections) में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है. ऐसे में राज्य की जनता को वर्तमान सरकार के खिलाफ करने के लिए विपक्ष जी-तोड़ मेहनत कर रहा है.

इसी कड़ी में अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में श्रीलंका के खिलाफ लगे मानवाधिकारों के उल्लंघन वाले प्रस्ताव पर हो रही वोटिंग से भारत के किनारा कर लेने पर भी कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने इसे तमिल लोगों के साथ ‘विश्वासघात’ का नाम दे दिया है.