भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई फिर झड़प, जारी हुआ…बिगड़े हालात…

पूर्वी लद्दाख चीन के सैनिकों तैनाती बड़ी संख्या में है. रविवार को हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में ये बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कही थी. पिछले चार महीनों में पूर्वी लद्दाख के कई इलाक़ों में भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई है.

 

इससे पहले भारत के चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ़ और पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि चीन के साथ बातचीत जारी है. उन्होंने कहा था कि अगर बातचीत से चीज़ें नहीं सुलझती हैं तो सैन्य विकल्प मौजूद है.

विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत ने चीन से कह दिया है कि सीमा पर शांति की स्थापना दोनों पड़ोसी देशों में बराबरी के संबंधों पर ही संभव है. विदेश मंत्री ने कहा था, ”अगर हम पिछले तीन दशकों से देखें तो विवादों का निपटारा राजनयिक संवाद के ज़रिए ही हुआ है और हम अब भी यही कोशिश कर रहे हैं.”

पिछले हफ़्ते ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव 1962 के बाद सबसे गंभीर स्थिति है. एस जयशंकर ने कहा था, ”निश्चित तौर पर 1962 के बाद यह सबसे गंभीर स्थिति है. यहां तक कि 45 साल बाद चीन के साथ संघर्ष में सैनिक हताहत हुए हैं.

सीमा पर दोनों तरफ़ से सैनिकों की तैनाती भी अप्रत्याशित है.”विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत ने चीन से कह दिया है कि सीमा पर शांति की स्थापना दोनों पड़ोसी देशों में बराबरी के संबंधों पर ही संभव है.

विदेश मंत्री ने कहा था, ”अगर हम पिछले तीन दशकों से देखें तो विवादों का निपटारा राजनयिक संवाद के ज़रिए ही हुआ है और हम अब भी यही कोशिश कर रहे हैं.”

भारत सरकार ने सोमवार को कहा कि चीन सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर बनी सहमति का उल्लंघन किया है. सरकार ने कहा है कि चीनी सैनिकों ने उकसाऊ क़दम उठाते हुए सरहद पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोक दिया.

भारतीय सेना के अनुसार यह झड़प 29 अगस्त की रात हुई है. भारतीय सेना ने कहा है कि चीनी पीप्लस लिब्रेशन आर्मी यानी पीएलए ने सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की लेकिन सतर्क भारतीय सैनिकों ने ऐसा नहीं होने दिया.

भारतीय सेना के बयान को पीआईबी की ओर से जारी किया गया है. बयान के अनुसार, ”भारतीय सैनिकों ने पंन्गोंग त्सो लेक में चीनी सैनिकों के उकसाऊ क़दम को रोक दिया है.

भारतीय सेना संवाद के ज़रिए शांति बहाल करने का पक्षधर है लेकिन इसके साथ ही अपने इलाक़े की अखंडता की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है. पूरे विवाद पर ब्रिगेड कमांडर स्तर पर बैठक जारी है.”