LAC पर चीनी सेना ने 1-2 किलोमीटर तक किया…, खबर आते ही मचा हडकंप

15-16 जून की रात दोनों देशों के बीच गलवानी घाटी में हिंसक झड़प हो गई, जिसमें एक कर्नल सहित भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

 

पिछले साल जब आर्टिकल 370 को बेअसर करने और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने का ऐलान किया गया था, उसके कुछ समय बाद ही सितंबर में लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर चीन के साथ तनाव के संकेत मिलने शुरू हो गए थे.

सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर भारतीय साइड संघर्ष वाले सभी चार प्वाइंट पर निगरानी कर रही है इसमें PP-14 (गैलवान नदी घाटी), PP-15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर एरिया शामिल है. अलग-अलग जगहों पर सैनिकों के पीछे हटने की संख्या अलग है.

पिछले साल 11 सितंबर को एक झड़प के बाद से, जिसमें 10 भारतीय जवान घायल हो गए थे . चीनी पक्ष झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय गश्त को फिंगर 8 की ओर जाने से रोकने की कोशिश कर रहा था.

भारत का कहना है कि क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) फिंगर 8 के साथ स्थित है, जबकि चीन पश्चिम की तरफ कुछ किलोमीटर आगे इसके होने का दावा करता है.

चीन ने अपने टेंट और गाड़ियों को lAC पर एक से दो किलोमीटर तक पीछे हटा लिया है. सूत्रों के मुताबिक कॉर्प्स कमांडर लेवल की मीटिंग के दौरान जिस जगह को लेकर दोनों देशों की बीच सहमति बनी थी, वहां से चीनी सेना ने टेंट, गाड़ियों और सैनिकों को 1-2 किलोमीटर तक पीछे कर लिया है.

गलवान, लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हटना शुरू हो गए है. यह पिछले 48 घंटों में गहन कूटनीतिक, सैन्य इंगेजमेंट और बातचीत का नतीजा है. इन बैठकों के बाद प्रधानमंत्री मोदी की लेह यात्रा हुई, जिससे एक संदेश भेजा गया.