चीन ने अब इस देश से लिया पंगा, पेश किया ये बड़ा दावा

मिली जानकारी के मुताबिक GEF ने चीनी दावे को खारिज कर दिया और परियोजना को मंजूरी दे दी है, लेकिन इसके बाद दोनों पक्षों के विचारों में मतभेद साफ देखे जा सकते हैं। इस दौरान भूटान का प्रतिनिधित्व विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक अपर्णा सुब्रमणि ने की थी।

 


जीईएफ पर्यावरण क्षेत्र में परियोजनाओं को वित्त देने के लिए 1992 में बनी यूएस आधारित वैश्विक निकाय है। चीनी के इस दावे पर भूटान ने आपत्ति जताई और जीईएफ परिषद ने परियोजना के लिए धन की मंजूरी दे दी है।

भूटान का प्रतिनिधित्व कर रही विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक अपर्णा सुब्रमणि एक आईएएस (IAS) अधिकारी हैं। वे 1 सितंबर, 2017 से बांग्लादेश, भूटान, भारत और श्रीलंका का प्रतिनिधित्व करती आ रही हैं। भूटान सीमा विवाद का मामला तब सामने आया जब चीन ने 2 और 3 जून को 58वीं GEF परिषद की बैठक में क्षेत्रीय दावा किया था।

लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव की स्तिथि बनी हुई है। ऐसे में चीन की एक और बड़ी हरकत सामने आई है। चीन ने भूटान सीमा पर नया दावा पेश किया है।

यह दावा बीजिंग ने वैश्विक पर्यावरण सुविधा की एक बैठक में, पूर्वी भूटान के ताशीगांग जिले के सकटेंग वन्यजीव अभयारण्यको विकसित करने के अनुरोध पर आपत्ति जताते हुए किया है।