भारत व चीन के बीच हुआ ये, सीमा टकराव के चलते…पीछे नहीं हट रही चीनी सेना

वहीं हिंदुस्तान में चाइना के राजदूत सन वेइदॉन्ग ने पैंगोंग लेक पर कमांडर लेवल की वार्ता से पहले बोला कि पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर चाइना की पारंपरिक सीमा रेखा LAC के अनुसार है. ऐसा कुछ नहीं है कि चाइना ने अपने क्षेत्रीय दावे का विस्तार किया हो.

इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज स्टडीज के एक वेबीनार में वेइदॉन्ग को आमंत्रित किया गया था, जहां उन्होंने ‘चीन- हिंदुस्तान संबंध: द वे फॉरवर्ड’ विषय पर बोलते हुए अपनी बात रखी.

चाइना के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल रेन गुओकियांग ने गुरुवार को बोला कि चाइना व हिंदुस्तान ने गालवान घाटी क्षेत्र में प्रयत्न के बाद से राजनयिक व सैन्य दोनों चैनलों के माध्यम से प्रभावी संचार व समन्वय किया है व वर्तमान में, इस क्षेत्र की स्थिति डी-एस्केलेशन की ओर बढ़ रही है. प्रवक्ता ने बोला सीमा पर दोनों राष्ट्रों के सैनिक धीरे-धीरे विघटित हो रहे हैं.

सेना के सूत्रों ने बोला कि पैंगॉन्ग त्सो व पैट्रोलिंग प्वाइंट 17 ए से चीनी सेना अभी भी पीछे नहीं गई है. इस मामले पर कोर कमांडर स्तर की पांचवें दौर की बातचीत में चर्चा होने की आसार है. बातचीत शुक्रवार या सप्ताहांत में होने की उम्मीद थी लेकिन गुरुवार शाम तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई.

कि दोनों पक्षों के सैनिक धीरे-धीरे विघटित हो रहे हैं व डी-एस्केलेशन की ओर बढ़ रहा है. लेकिन इस दावे के कुछ ही घंटों के भीतर इंडियन आर्मी के सूत्रों का बोलना है कि पिछले दो हफ्ते से ज्यादा समय हो गया है व यहां कोई पॉज़िटिव मूवमेंट दिखाई नहीं दी है.

पूर्वी लद्दाख में हिंदुस्तान व चाइना के बीच प्रारम्भ हुआ सीमा टकराव अबतक हल नहीं हुआ है. पैंगॉन्ग व गोगरा इलाके में अभी भी चीनी सेना पीछे नहीं हटी है. चीनी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था