पैंगोंग झील में चीन ने किया ये काम, भारी संख्या में नजर आए…

29 जुलाई को मिली उपग्रह इमेजरी में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ग्राउंड फोर्सेस नेवल विंग की 13 नौकाओं को फिंगर 5 और फिंगर 6 पर देखा जा सकता है।

15 जून की सैटेलाइट तस्‍वीरों में फिंगर 6 में 8 नावें दिखाई दे रही थीं, लेकिन अब नई नावों को यहां पर लाया गया है। चीनी सेना की अतिरिक्त नौकाओं की उपस्थिति चिंताजनक है और आक्रामक मुद्रा का संकेत देती हैं। 29 जुलाई को फिंगर 5 पर 40 पूर्वनिर्मित झोपड़ियां और लगभग 15 टेंट देखे जा सकता है। यहां पर चार अतिरिक्त टेंटों को लगाने का पता चला है।

पूर्वनिर्मित झोपड़ियां अत्यधिक ठंड का सामना कर सकती है। इससे यह पता चलता है कि चीनी सर्दियों में सेट होने से पहले एक लंबी तैयारी शुरू कर चुके हैं। पूर्वनिर्मित झोपड़ियों में अधिकतम 12 सैनिक रह सकते हैं। तो एक समय पर तैनाती में झोपड़ियों में कम से कम 480 सैनिक, नाव चालक दल और टेंट में अतिरिक्त सैनिक शामिल हैं।

तस्‍वीरों में फिंगर 5 में तीन नावें और फिंगर 6 पर 10 नावें देखी जा सकती हैं। प्रत्येक नाव में कम से कम 10 सैनिक ले जा सकते हैं। इसका मतलब है कि लगभग 130 चीनी सैनिक आमतौर पर फिंगर 4 के बेहद करीब होते हैं, जो हमेशा से भारतीय नियंत्रण में थी।

सैटेलाइट तस्‍वीरों में इस बात की जानकारी सामने आई है कि चीनी पैंगोंग झील में अतिरिक्त नौकाओं को लाने और अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए अधिक सैनिकों के निर्माण में लगा हुआ है।

गलवान के बाद दोनों देशों के बीच हुए सेना समझौते के बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और उसने पैंगोंग झील पर अपनी नावों की तादाद व सैनिकों के रहने के लिए टैंटों में बड़ी तेजी से इजाफा किया है। इससे पूर्वी लद्दाख में सामान्य स्थिति बहाल करने के चीन के इरादे पर गंभीर संदेह खड़ा हो गया है।