नरेश टिकैत का बड़ा बयान , कहा – भाजपा को समर्थन करना हमारी बड़ी भूल…

यूपी गेट पर किसान महापंचायत में पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने कहा कि पछतावा है, हमने भाजपा को वोट दिया।
 पार्टी को खुला समर्थन करना हमारी बड़ी भूल थी। हम यहां विस चुनाव पर बैठक करने नहीं आए हैं। लोगों को अधिकार है कि अपनी पसंद से किसी को भी वोट दे।
नरेश टिकैत ने कहा कि हम किसानों के साथ हैं और उनके लिए बात करनी है। आगे से किसी भी पार्टी को खुला समर्थन नहीं करेंगे। तीन कृषि कानूनों की वापसी पर कहा कि एक कहावत है ‘ना तुम जीते और ना हम हारे’।
हम इसमें सरकार की हार नहीं मान रहे। अब प्रधानमंत्री एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की भी बात करें। कृषि कानूनों को वापस के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं। कई माह से सरकार ने वार्ता भी बंद कर दी थी, लेकिन उन्होंने अचानक निर्णय लिया। कानून वापस होने से लोगों में खुशी है।
उन्होंने कहा कि एक साल से चल रहे आंदोलन को कुछ घंटों में कैसे खत्म कर दें। दो कदम सरकार पीछे हटे और दो किसान भी पीछे हटेंगे। मुद्दों को सुलझाने पर बात होनी चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चा को फैसला लेने का अधिकार है, लेकिन हमारी शुरू से ही एमएसपी पर लड़ाई रही है। सरकार ने फसल का दाम तय कर दिया, लेकिन मंडी में नहीं मिल रहा तो फिर किसानों को कैसे लाभ मिलेगा। किसानों की दोगुना आय करने के सरकार के दावे पर वह बिफर गए।
नरेश टिकैत ने कहा कि बिजली, पानी, खाद, दवाई और हर चीज पर दोगुना दाम बढ़ गए, हमारी जमा-पूंजी भी घट गई और सरकार कह रही है कि किसानों की आय दोगुनी कर रहे हैं। किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी और पाकिस्तानी तक कहा गया, लेकिन हमने धैर्य रखा।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि 26 नवंबर का दिन जंग जीतने के जश्न का दिन है और बाकी बची लड़ाई के लिए जज्बा बढ़ाने की जरूरत है। किसानों ने अपना आत्मविश्वास फिर पा लिया है। अब किसान 30 नए कानून बनवाने का भी हौसला रखते हैं। एमएसपी की गारंटी का कानून लेकर ही जाएंगे।
लखीमपुर कांड में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने व बिजली समेत अन्य मुद्दों पर भी बात होना बाकी है। उन्होंने कहा कि 11 दौर की वार्ता में हमने सरकार से हर बार सभी मुद्दों पर बात कही, लेकिन सरकार को सिर्फ तीन कृषि कानून का मुद्दा याद है।
आंदोलन मंच के सामने किसानों का कारवां लगातार बढ़ता रहा। महापंचायत में एमपी, राजस्थान, उड़ीसा, बंगाल, तमिलनाडु समेत अन्य राज्यों से किसान पहुंचे। दोपहर तीन बजे तक किसान आंदोलन स्थल पर पांच हजार से अधिक किसान जुट गए।
किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली, गाड़ी और रेल व अन्य साधनों से पहुंचे। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्गों से लेकर सभी पोस्टर-बैनर व झंडों के साथ नारेबाजी करते हुए आगे बढ़े। बेंगलुरु और मथुरा से करीब ढाई सौ किसानों का जत्था यूपी गेट पहुंचा। इस दौरान किसान संगठनों ने किसान नेता राकेश टिकैत को शील्ड और भगवान की प्रतिमा भेट कीं।