सेना में अब महिलाओ के लिए होगा ऐसा, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाए क्योंकि सशस्त्र बलों में लिंग आधारित भेदभाव खत्म करने के लिए सरकार की ओर से मानसिकता में बदलाव जरूरी है.

साथ ही कहा कि सेना में महिला अधिकारियों को कमान पोस्ट देने पर पूरी तरह रोक अतार्किक और समानता के अधिकार के खिलाफ है.

कोर्ट ने महिलाओं को कमांड न देने के सरकार के तर्क को भी गलत और भेदभाव पूर्ण बताया है। हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद भी युद्ध क्षेत्र में महिला अधिकारियों को तैनाती नहीं मिलेगी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने कहा कि सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति एक विकासवादी प्रक्रिया है.

सेना में स्थायी कमीशन पाने से वंचित रह गई महिला अधिकारियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया. दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है.

साथ ही केंद्र को फैसला लागू करने के लिए तीन महीने की मोहलत दी. सुप्रीम कोर्ट का फैसला कॉम्बैट विंग छोड़कर बाकी सभी विंग पर लागू होगा.