लजीज सूप बनाने के लिए पानी के अंदर डाल दिया जाता है। चीनी मीडिया में के सूप वाला यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसे कोरोना वायरस से निपटने के लिए बनाए गए अस्थायी अस्पताल में शूट किया गया था।
इस वीडियो में एक महिला मरीज यह कहती दिख रही है कि भाइयों और बहनों आप अग्रिम मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे हैं और हम भी आपके साथ अग्रिम मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं।
मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर अब 722 हो गई है, जबकि 34,546 लोगों के इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस बीच कोरोना वायरस (CoronaVirus) के जानलेवा वायरस के गढ़ वुहान में मरीजों को इससे लड़ने के लिए खाने में कछुए का मांस दिया जा रहा है।
(Wuhan) के अस्पतालों के इस फैसले पर विशेषज्ञ गंभीर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि माना जाता है कि चमगादड़ का सूप पीने से कोरोना का वायरस इंसानों में पहुंचा।
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान के अस्पतालों में अलग-थलग रखे गए मरीजों को कछुए का मांस रात के खाने में परोसा जा रहा है।
चीनी मीडिया में जारी एक विडियो में एक व्यक्ति ने दावा किया, ‘आज के खाने में नरम कवच वाले कछुए का मांस भी दिया गया।’ चीन के परंपरागत चिकित्सा विज्ञान में कछुए के मांस को पोषक तत्वों से भरा माना जाता है।
चीनी लोगों का मानना है कि उनके देश में पाए जाने वाले कछुए प्रोटीन से भरे होते हैं और इससे बीमार लोग तेजी से ठीक होते हैं। इन कछुओं को जंगल या प्रजनन केंद्रों से लाया जाता है .
इसी विडियो में एक मरीज कहता है कि आज के हमारे खाने में कछुए का नरम खोल वाला मांस शामिल है। इन मरीजों को अस्पताल में चप्पल, तौलिया, मंजन और टाइलट पेपर दिया जा रहा है। इस बीच चीन के एक वैज्ञानिक ने करॉना वायरस के इंसानों में प्रवेश को लेकर अलग ही दावा किया है।
चीन (China) में कोरोना वायरस (CoronaVirus) का कहर बड़ा रूप लेता जा रहा है। वुहान शहर (Wuhan City) में कुछ अस्पताल (Hospital) मौत का कारखाना बनकर रह गए हैं।