तेजस्वी यादव ने दिया ये बड़ा बयान , चिराग और कांग्रेस को कहा…

तेजस्वी चिराग पर डोरे डाल रहे हों लेकिन, चिराग की तरफ से अभी तक ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं। उनका कहना है कि वो एनडीए में बने रहेंगे। साथ ही वो नीतीश के साथ दुबारा जाने को भी राजी नहीं हैं।

हालांकि, लगातार वो बीजेपी की चुप्पी को लेकर हमलावर हैं। चिराग का आरोप है कि पशुपति पारस गुटों के बगावत के पीछे नीतीश कुमार का हाथ है और बीजेपी के वरिष्ठ आलाकमानों ने चुप्पी साध रखी है।

दरअसल राजद का 25वां स्थापना दिवस और दिवंगत नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती के बहाने राजद कई निशाने साधना चाह रही है। तेजस्वी की इस साथ लाने वाली रणनीति के पीछे बिहार की जातिगत राजनीति और उस पर टिके वोट बैंक का खेल है।

गत वर्ष हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी को लगभग 6 फीसदी और संख्या में 26 लाख वोट मिले थे। वहीं, चिराग ने नीतीश का भी वोट जमकर काटा था।

जिसका परिणाम ये हुआ कि नीतीश कुमार बड़े भाई की भूमिका से छोटे भाई की भूमिका में आ गएं। उनकी पार्टी को महज 43 सीटें मिली थी जबकि भाजपा को 74 और तेजस्वी की अगुवाई वाली पार्टी राजद को सबसे अधिक 75 सीटें मिली थी। महागठबंधन को बहुमत 122 के मुकाबले 110 सीटें मिली थी जबकि एनडीए के खाते में 125 सीटें गई थी।

कांग्रेस को बुनियाद बताते हुए तेजस्वी ने कहा कि जहां क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हैं, वहां उन्हें प्राथमिकता देना होगा। इस नए गठबंधन के लिए रणनीति बनाने की तैयारियां शुरू करनी होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसकी पहल चिराग पासवान को करनी होगी।

राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चिराग और कांग्रेस पर बड़ा बयान दे दिया है। हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार उन्होंने कहा है कि केंद्र में कांग्रेस के बिना भाजपा के खिलाफ कोई मजबूत मोर्चा संभव नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस को साथ लेकर ही भाजपा के खिलाफ विपक्षी विकल्पों की कल्पना की जा सकती है। देश में करीब 200 लोकसभा सीटें हैं जहां कांग्रेस विपक्ष में हैं।

नेता का निर्णय हम मिलकर तय कर लेंगे। इसके साथ ही उन्होने लोजपा को लेकर कहा कि यदि इस नीति पर चला है तो चिराग पासवान को गठबंधन के लिए फैसला लेना होगा।