भारत की केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे नागरिकता संशोधन बिल को लेकर बड़ी संख्या में सियासी दल इसका विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस पार्टी व वाम दलों की ओर से ही इसका खुला विरोध किया गया है।
हालांकि, महाराष्ट्र में बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस पार्टी व एनसीपी के साथ जाने वाली शिवसेना ने भी इस मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया है। वह बीजेपी के इस बिल के समर्थन में है। एक मीडिया चैनल से वार्ता में शिवसेना नेता संजय राउत ने बोला कि महाराष्ट्र में सरकार की बात अपनी स्थान है, लेकिन देश के मुद्दे में वह अपने कमिटमेंट पर अडिग हैं। अब इसपर कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का भी बयान सामने आया है, जो महाराष्ट्र की नयी सरकार में बगावती सुर को तेज कर रहा है।
अपने बयान में कांग्रेस पार्टी के सूत्रों द्वारा बोला गया, ‘कॉमन मिनिमम कार्यक्रम (कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना) में यह तय किया गया था कि राष्ट्रीय मुद्दों (नागरिकता संशोधन विधेयक) पर आम सहमति के बाद कदम उठाया जाएगा। कांग्रेस पार्टी उद्धव ठाकरे से इस पर बात करेगी। ‘ बता दें कि संबंधित चैनल से वार्ता में संजय राउत ने बोला था कि वे देश हित में किसी भी कमिटमेंट से पीछे नहीं हटेंगे।
अपने बयान में संजय राउत ने बोला कि हमने(शिवसेना) हमेशा से ही घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखाने के पक्ष में कार्य किया है। तो वे इस मुद्दे में केन्द्र सरकार के साथ है। हालांकि, यहां बात यह खड़ी हो गई है कि महाराष्ट्र सरकार में हाथ यानी कांग्रेस पार्टी शिवसेना अलग है। कांग्रेस पार्टी इस नागरिकता संशोधन बिल का भारी विरोध कर रही है। साथ में NCP भी बिल के विरूद्ध है। बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में बनी महाविकास अघाड़ी की सरकार अभी अच्छा से खड़ी भी नहीं हुई है कि उसके अंतर्विरोध सामने आने लगे हैं।