तालिबान को रोकने के लिए अफगानिस्तान कर रहा अपनी सेना को मजबूत , जानिए आप भी

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन का मानना है कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति केवल राजनीतिक समाधान के जरिए ही संभव है। व्हाइट हाउस ने अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच चल रही शांति वार्ता की पृष्ठभूमि पर यह बात कही।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाताओं से शुक्रवार को कहा, ‘मैं कहना चाहूंगी कि अफगान नेताओं, अफगानिस्तान सरकार के सदस्यों और तालिबान के बीच राजनीतिक बातचीत और अन्य बातचीत चल रही है, जिसका हम यकीनन समर्थन करते हैं।’

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगान बलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और रुकी हुई शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने के लिए राजनयिक प्रयासों को दोगुना करने का वादा किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के संकट भरे हालातों में शरणार्थी जरूरतों को पूरा करने के लिए आपातकालीन कोष से 10 करोड़ डॉलर की सहायता राशि जारी की है। इस रकम की मदद से विशेष अप्रवासी वीजा आवेदक अफगानों की भी मदद की जाएगी

ऑस्टिन ने अलास्का की यात्रा के दौरान संवाददाताओं से कहा कि यह तालिबान को रोकेगा या नहीं यह नहीं पता मगर मेरा मानना है कि पहली बात यह सुनिश्चित करना है कि वे तालिबानियों के मोमेंटम को धीमा कर सकें। उन्होंने कहा कि उनका मानना ​​है कि अफगानियों में ऐसा करने की क्षमता है और वह ऐसा कर सकते हैं, मगर देखने वाली बात होगी कि क्या होता है।

अफगानिस्तान में अफगान बलों और तालिबान के बीच बढ़ती लड़ाई के बीच अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को कहा कि अफगान सुरक्षा बलों का प्राथमिक काम यह सुनिश्चित करना है कि वे क्षेत्र पर फिर से कब्जा करने का प्रयास करने से पहले तालिबान की गति (मोमेंटम) को धीमा कर सकें।

अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने आगे कहा कि तालिबानी अफगानिस्तान में प्रमुख आबादी वाले केंद्रों के आसपास अपनी सेना को मजबूत कर रहे हैं।