कोरोना की तीसरी लहर को लेकर दिल्ली में शुरू हुआ ये, बच्चों पर…

इटली ने 31 मई को 12-15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी। जर्मनी की योजना 7 जून से 12-16 आयु वर्ग के बच्चों को पहला शॉट देने की है, जबकि पोलैंड उसी दिन 12-15 आयु वर्ग के बच्चों को शॉट देने की पेशकश करेगा।

फ़्रांस जून तक 16-17 वर्ष की आयु के किशोरों का टीकाकरण शुरू कर सकता है, जिसमें 12-15 साल के बच्चों को स्कूल वर्ष की शुरुआत में शॉट्स प्राप्त होंगे। लिथुआनिया के प्रधान मंत्री ने कहा कि देश जून में 12 साल की उम्र ks बच्चों का टीकाकरण शुरू कर सकता है।

एस्टोनिया सर्दियों तक किशोरों का टीकाकरण शुरू कर सकता है, सार्वजनिक प्रसारक ईआरआर ने सरकार की सीओवीआईडी -19 परिषद के प्रमुख का हवाला देते हुए बताया।  रोमानिया के प्रधान मंत्री ने कहा कि 12 साल की उम्र के बच्चों को 1 जून से शॉट्स मिलना शुरू हो सकते हैं।

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, देश में अभी 0-20 साल के 30 लाख 36 हजार 109 केस सामने आए हैं।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी DCGI ने हाल ही में वैक्सीन को बच्चों पर ट्रायल करने की मंजूरी दी है। इसमें 2 साल से 18 साल के बच्चे शामिल होंगे।

ट्रायल में 2 से 18 साल के 515 पार्टिसिपेंट्स होंगे। बच्चों में वैक्सीनेशन को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में बच्चों को अलग-अलग डोज दिया जाएगा। इसके 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। वैक्सीनेशन के बाद बच्चों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की जाएगी।

कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच रविवार से एम्स दिल्ली में बच्चों पर कोवैक्सीनके ट्रायल की शुरुआत हो गई है। दरअसल, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना की तीसरी लहर सर्वाधिक बच्चों को प्रभावित करने वाली हो सकती है।