तो कुछ इस तरह बचपन में झूले से बांधकर होती थी चहल की पिटाई, खोले कई बड़े राज़

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण क्रिकेट टूर्नामेंट, सीरीज सब कुछ रद्द या स्‍थगित कर दिया गया है. जिस वजह से खिलाड़ी घरों में कैद हैं और इस दौरान क्रिकेटर्स तरह तरह के वीडियो बनाकर फैंस का भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं. खासकर युजवेंद्र चहलचहल ने जतिन सपरु के साथ बातचीत में लॉकडाउन के दौरान अपनी स्थिति और अपनी जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं के बारे में खुलासा किया. इस बातचीत ने चहल ने यह भी बताया कि कैसे बचपन में उन्‍हें झूले से बांधकर पीटा जाता था.


चहल ने बताया कि वो 6 बजे के करीब ही सो जाते हैं और फिर चार बजे के करीब उठते हैं, ताकि आधे से ज्‍यादा दिन निकल जाए. इसके बाद वह अपने कुत्‍ते के साथ खेलते हैं, फिर मम्‍मी के पास जाकर रसोई में बैठ जाते हैं और थोड़ी ही देर में शाम हो जाती है और उनका सोने का समय हो जाता है.

पिटाई को याद करते हुए उन्‍होंने बताया कि उन्‍हें झूले से बांधकर छोड़ दिया जाता था. जब मम्‍मी पापा बाहर जाते थे तो उनकी बहन उनसे कहती थी कि उनके हाथ बांध देते हैंं, जिसे उन्‍हें खोलना है, मगर हाथ बंधने के बाद उन्‍हें ट्रिक्‍स समझ आती थी और उन्‍हें झूले से ही बंधा हुआ छोड़ दिया जाता था. शाम को मम्‍मी पापा लौटते थे तो झूले से बंधे हुए देखकर उन्‍हें भी लगता था कि उनके बेटे ने ही कोई गलती की है, फिर वो लोग पीटते थे.