देश के इस राज्य में बर्फबारी ने तोड़ा पिछले 60 वर्षों का रिकॉर्ड, आगे ऐसा रहेगा तापमान

कश्मीर घाटी और लद्दाख में नवंबर के महीने में लगातार पश्चिमी हवाओं का प्रभाव देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश और बर्फबारी ने घाटी में 60 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है। नवंबर के महीने में सामान्य से 300 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है। मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस के अनुसार, पश्चिमी हवाओं और अरब सागर में उठे महा साइक्लोन के मिलाप के कारण जम्मू कश्मीर और लद्दाख में काफी बारिश और बर्फबारी हुई है। इसका प्रभाव हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी पड़ा है।


नवंबर के पहले सप्ताह में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 7 और 8 नवंबर को भीषण बर्फबारी हुई। केवल 24 घंटों में 2 फीट से लेकर 4 फीट तक घाटी में बर्फ गिरी। इसके बाद 11 नवंबर को घाटी में फिर मौसम बदला और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी तो मैदानी इलाकों में बारिशों का सिलसिला 3 दिनों तक चला। अब एक बार फिर इन पश्चिमी हवाओं ने कश्मीर और लद्दाख का रुख किया है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह हवाएं उत्तरी पाकिस्तान से आई हैं और इसका असर जम्मू कश्मीर पर पड़ा है। इसके कारण प्रदेश में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। यही कारण था कि खराब मौसम व लगातार हो रही बारिश के बीच वैष्णो दवी तीर्थस्थान में हिमकोटि क्षेत्र में पहाड़ से पत्थर गिरने से बैटरी कार मार्ग को बंद कर दिया गया है। अब सिर्फ पुराने परंपरागत मार्ग से यात्रा जारी है।

कल भी मौसम खराब रहा। लगातार बारिश होती रही और तेज बर्फीली हवाएं चलती रहीं। इस बीच हेलीकाप्टर सेवा बीच-बीच में प्रभावित रही, लेकिन भवन मार्ग पर चलने वाली बैटरी कार सेवा और वैष्णो देवी भवन और भैरव घाटी के बीच चलने वाली केबल कार सेवा जारी रही। ताजा बर्फबारी व बारिश के बाद तापमान में गिरावट से ठंड का प्रकोप भी ओर बढ़ गया है। श्रीनगर का अधिकतम तापमान 6.1 व न्यूनतम 2.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।