चीन के खिलाफ 62 देश आए सामने, हिंदुस्तान करेगा…

यूरोपियन यूनियन में ये प्रस्‍ताव को सर्वसम्‍मति से पारित कर लिया गया है। इसका ना तो चीन, और ना ही अमेरिका ने इसका विरोध किया है।

 

हालांकि ये दोनों ही देश उन 62 देशों की लिस्ट में नहीं हैं जो प्रस्‍ताव को समर्थन दे रहे हैं। इस प्रस्‍ताव में WHO महासचिव से इंटरनेशनल एजंसीज के साथ मिलकर कोविड-19 के उत्पति का पता लगाने का प्रयास हो रहा है।

चीन की जवाबदेही तय करने की मांग विश्व के कई देशों ने उठाई है। चीन को समर्थन देने के लिए WHO पर भी सवाल उठाए गए हैं।

हिंदुस्तान सहित विश्व के 62 देशों ने इन बातों को एकसाथ जोड़कर एक स्‍वतंत्र जांच की मांग की है। सोमवार को वर्ल्‍ड हेल्‍थ असेंबली (WHA) में यूरोपियन यूनियन की तरफ ये प्रस्ताव भी पेश किया है। इसमें मांग रखी गई है कि COVID-19 को लेकर सभी मामलों की ‘निष्‍पक्ष, स्‍वतंत्र और विस्‍तृत जांच’ हो।

WHO की कार्यकारी समिति बोर्ड की कमान सोमवार से हिंदुस्तान के हाथ में होगी। दुनिया के कई देश कोरोना फैलने में चीन की भूमिका पर शक जाहिर कर चुके हैं।
लेकिन हिंदुस्तान अबतक इस बारे में खुलकर कुछ नहीं बोला है। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने WHO में बदलाव की बात कर रहे हैं। यूएसए प्रेसिडेंट डोनाल्‍ड ट्रंप तो WHO को ‘चीन की कठपुतली’ तक कह चुके हैं।
हालांकि EU के प्रस्‍ताव में चीन या वुहान का नाम नहीं है। EU और ऑस्‍ट्रेलिया के अलावा प्रस्‍ताव का समर्थन जापान, न्‍यूजीलैंड, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, यूके जैसे देशों ने किया है।

कोविड-19 संकट को लेकर चीन को लगभग सभी देश दोषी मान रहे हैं। कई रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि चाइना ने ही वायरस के केसो को छिपाने की कोशिश की है। अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों की इस संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है। कोविड-19 अब पूरे विश्व में फैल चुका है।