अर्नब को किया गया दूसरी जेल में शिफ्ट , कहा मेरी जान को खतरा किया गया ऐसा…

अर्नब पर एक मां और बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगा है। मामला 2018 का है। 53 साल के एक इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उसकी मां ने आत्महत्या कर ली थी।

 

मामले की जांच सीआईडी की टीम कर रही है। कथित तौर पर अन्वय नाइक के लिखे सुसाइड नोट में कहा गया था कि आरोपियों (अर्नब और दो अन्य) ने उनके 5.40 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया था, इसलिए उन्हें आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा।

याचिका में कहा गया है कि अर्नब की गिरफ्तारी उनकी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का हनन है। इसमें कहा गया है कि मुंबई पुलिस के लगभग 20 अधिकारियों द्वारा उनके घर से बाहर निकाला गया।

कथित रूप से गाड़ी में घसीटा गया था। इस प्रक्रिया में गोस्वामी के बेटे पर हमला किया गया। याचिका में कहा गया कि यह चौंकाने वाला है कि एक ऐसा मामला जो बंद था, उसे फिर से क्यों खोला गया? पुलिस ने गोस्वामी पर हमला किया।

बॉम्बे हाईकोर्ट अर्नब की जमानत याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाएगा। जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस एम एस कार्णिक की बेंच ने शनिवार को याचिकाओं पर दिनभर चली सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में सोमवार को 3 बजे के बाद फैसला आ सकता है।

दिल्ली पुलिस ने रविवार को भाजपा नेताओं कपिल मिश्रा और तेजिंदर बग्गा को हिरासत में ले लिया। ये दोनों नेता इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार पत्रकार अर्नब गोस्वामी के समर्थन में राजघाट पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे। दोनों नेताओं को राजेन्द्र नगर थाने ले जाया गया।

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के चीफ एडिटर अर्नब गोस्वामी को रविवार को अलीबाग से तलोजा जेल में शिफ्ट किया गया। पुलिस का आरोप है कि अलीबाग क्वारंटीन सेंटर में किसी फोन से सोशल मीडिया पर एक्टिव थे।

अर्नब ने मीडिया से बातचीत में महाराष्ट्र पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुझे वकील से नहीं मिलने दिया गया, सुबह धक्का दिया और मारपीट की, मुझे सुबह 6 बजे उठाया।

मुझसे कहा कि वकील से बात नहीं करने देंगे, देशवासियों को बता दो कि मेरी जान को खतरा है। इतना ही नहीं उन्होंने इस मामले में कोर्ट से भी मदद मांगी।