कोरोना को ख़त्म करने के लिए वैज्ञानिकों ने दिन रात किया…, सामने आई ये रिपोर्ट

आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने आज के बताया कि भारत में चार संस्थान काउंसिल फॉर साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलजी, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी में कोरोना वायरस के वैक्सीन को लेकर रिसर्च का काम जारी है।

 

काउंसिल फॉर साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च– भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंर्तगत आने वाले इस संस्थान की स्थापना 1942 में हुई थी।

इसके अंतर्गत 39 लैब और 50 फील्ड स्टेशन हैं जो भारत के कोने-कोऩे में फैले हुए हैं। यह संस्थान सांइंस और टेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों में शोध का काम करता है।

डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी– यह संस्थान भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंर्तगत आता है। इसकी स्थापना 1986 में भारत में बायोसाइंस और तकनीकी के क्षेत्र में काम करने के लिए की गई थी।

महामारी की शक्ल अख्तियार कर चुके  कोरोना के कोहराम से डरे दुनियाभर के देश इसके संक्रमण पर रोक लगाने के लिए शोध कार्य कर रहे हैं।

भारत में भी कोरोना का काट खोजने के लिए देश के चार अग्रणी संस्थान जुटे हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज बताया कि इन संस्थानों में कोरोना के वैक्सीन को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों का दल रिसर्च में जुटा हुआ है।