संजय राउत समेत ये नेता बने शिवसेना के लिए सिरदर्द, अचानक हुए…

महाराष्‍ट्र में गठबंधन की तीनों पार्टियों को अपने-अपने हित साधने हैं. साथ ही तीनों अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में अपना दबदबा बनाना चाहती हैं.

 

जब-जब इनके एजेंडे एकदूसरे का रास्‍ता काटेंगे तो शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अगुवाई वाली ‘महा विकास अघाड़ी’ सरकार (MVA Government) में तनाव बढ़ेगा.

इस बार कभी मराठी सप्‍ताहिक ‘लोकप्रभा’ में क्राइम रिपोर्टर रहे शिवसेना के राज्‍यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) अपनी तीखी टिप्‍पणियों के कारण लगातार मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं.

राजनीति में जब पुरानी दोस्‍ती टूटती है और नए दोस्‍त बनते हैं तो नेताओं की भाषा में भी सुधार जरूरी हो जाता है. साथ ही गठबंधन की पार्टियों के बीच व्‍यवहार का तरीका भी बदल जाता है. हालांकि, पुरानी आदतें बड़ी मुश्किल से ही जाती हैं. ये तथ्य महाराष्‍ट्र में शिवसेना (Shiv Sena) पर सटीक बैठती है.

शिवसेना ने महाराष्‍ट्र में सरकार (Maharashtra Government) बनाने के लिए बीजेपी से तीन दशक पुराना नाता तोड़कर कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) के साथ गठबंधन कर लिया.

इन तीनों पार्टियों के कुछ एजेंडा तो एक जैसे हैं, लेकिन ज्‍यादातर मुद्दों पर तीनों पार्टियों की विचारधारा अलग है. स्‍पष्‍ट तौर पर तीनों पार्टियों ने महाराष्‍ट्र की सत्‍ता पर काबिज रहने और बीजेपी (BJP) को दूर रखने के लिए गठबंधन किया है.