रूस का अमेरिका को लेकर ये बयान तब आया है कि जब अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को डर है कि रूस नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव पर असर डाल सकता है. ऐसा ही शक साल 2016 में हुआ था, जब ट्रंप जीतकर आए थे.
इसमें छपे लेख में रूस के मिलिट्री जनरल एंड्रेई स्टर्लिन और कर्नल एलेक्जेंडर क्रीपिन ने इस बारे में संयुक्त बयान दिया है. उन्होंने कहा कि चूंकि बैलिस्टिक मिसाइल के बारे में ये कहा नहीं जा सकता कि वो परमाणु युद्ध के लिए तैयार किया गया है या फिर पारंपरिक हथियारों के लिए. लिहाजा ऐसे में रूस इसे परमाणु युद्ध की अमेरिकी कार्रवाई मानेगा और उसी मुताबिक काम करेगा.
जैसे हाल ही में रूस ने एक बयान में अमेरिका को खुली धमकी दे दी. रूस के रक्षा मंत्रालय के अखबार क्रेसनया जवेदा (Krasnaya Zvezda) में इस हवाले से खबर आई है.
रूस और अमेरिका में हमेशा से ही महाशक्तियों की लड़ाई चलती आई है. सोवियत संघ के टूटने के बाद सुपर पावर का दर्जा सीधे-सीधे अमेरिका के पास चला गया. इसके बाद से रूस का गुस्सा कई जगहों पर दिखता रहा है.
इस धमकी से तनाव काफी बढ़ चुका है। काफी लोगों का यह कहना है कि हो सकता है कि दोनों महाशक्ति आपस में भेज जाएं और तीसरा विश्वयुद्ध शुरू हो जाए।
कोरोना महामारी के बीच रूस ने अमेरिका पर करी बात कही जिसमें रूस ने कहा कि यदि अमेरिका ने रूस ने या उसके किसी मित्र देश पर बैलेस्टिक मिसाइल से हमला किया तो रूसी से परमाणु हमला समझेगा और परमाणु हमले से जवाब देगा।