रूस ने तैयार की कोरोना की दूसरी दवा , जानवरों पर किया टेस्ट, 14 से 21 दिन बाद…

रूसी शोधकताओं का दावा है कि EpiVacCorona दवा का क्लिनिकल परीक्षण सितंबर में पूरा होगा, किन्तु जिन 57 वॉलेंटियर्स को दवा लगाई गई है.

 

उनमें से किसी को भी साइड इफेक्ट से जुझना नही पड़ा है। सभी वॉलेंटियर अच्छा हैं व अच्छा महसूस कर रहे हैं। EpiVacCorona की भी दो खुराकें लगाई जाएंगी।

पहली खुराक के 14 से 21 दिन के बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। रूस को उम्मीद है कि अक्टूबर तक इस वैक्सीन को रजिस्टर कर लिया जाएगा व नवंबर से इसका उत्पादन प्रारम्भ हो जाएगा।

वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी ने कोविड-19 की 13 संभावित दवा पर कार्य किया था। प्रयोगशाला में जानवरों पर इन दवा का टेस्ट किया गया था।

अब रूस ने दूसरी दवा तैयार करने की बता कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस का कहना है कि पहली दवा के जो साइड इफेक्ट सामने आए थे, वह नयी दवा लगाने पर नहीं होंगे। रूस ने पहली दवा का नाम Sputnik5 रखा था।

दूसरी दवा को EpiVacCorona नाम दिया गया है। रूस ने EpiVacCorona वैक्सीन का निर्माण साइबेरिया के वर्ल्ड क्लास वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट (वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी) में किया है। पहले यह इंस्टीट्यूट टॉप गोपनीय बायोलॉजिकल वेपन अध्ययन प्लांट हुआ करता था।

रूस ने बताया है कि उसने कोविड-19 की एक नयी दवा तैयार कर ली है। इससे पहले 11 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया था कि रूस ने कोविड-19

वायरस की पास दवा तैयार कर ली है। ऐसा करने वाला रूस पहला मुल्क बन गया था। रूस ने पहली कोरोना दवा के उपयोग की अ​नुमति भी दे दी थी।