रूस ने सऊदी अरब को दिया ये बड़ा झटका, करने जा रहा…

वैश्विक महामारी के दौरान लॉकडाउन से कारोबारी गतिविधियां ठप होने पर कच्चे ऑयल मांग (Crude Oil Demand) में भारी कमी दर्ज की गई।

 

इस गिरावट को देखते हुए सऊदी अरब व रूस को ओपेक और ओपेक प्लस में ऑयल उत्पादन में कटौती पर सहमति बनानी पड़ी। अमेरिका को भी उत्पादन में हर दिन 20 लाख बैरल की कटौती करनी पड़ी। हालांकि, अमरीका व रूस पर ऑयल उत्पादन या निर्यात कम होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।

ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (OPEC) में सऊदी अरब का दबदबा है। मार्च में सऊदी अरब ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण ऑयल की मांग में आई भारी कमी के मद्देनजर ओपेक के जरिये ऑयल उत्पादन में कटौती का प्रस्ताव रखा।

रूस ओपेक का मेम्बर नहीं है। उसने उत्पादन घटाने के प्रस्ताव से मना कर दिया था। इसके बाद दोनों राष्ट्रों में ऑयल की कीमतों को लेकर जंग छिड़ गई। बता दें कि अमेरिका 2018 में ही सऊदी अरब को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल उत्पादक देश बन गया था।

एक तरफ सऊदी अरब चाहता था कि रूस ऑयल उत्पादन घटाए, जिससे इंटरनेशनल बाजार में ऑयल की गिरती कीमतों (Oil Price) को थामा जा सके।

वहीं, रूस उत्पादन घटाने को तैयार नहीं था। इससे गुस्साए सऊदी अरब ने उत्पादन बढ़ाने व कीमतों में छूट देने का निर्णय लिया था। सऊदी अरब की सरकारी ऑयल कंपनी अरामको (Aramco) ने बोला कि हर दिन 1.20 करोड़ बैरल ऑयल का उत्पादन किया जाएगा।

अमेरिका (US) के बाद अब रूस (Russia) ने भी ऑयल उत्पादन (Oil Production) के मुद्दे में सऊदी अरब (UAE) को तगड़ा झटका दिया है। कोरोना संकट के बीच मार्च 2020 में रूस व सऊदी अरब के बीच कच्चे ऑयल की कीमतों को लेकर खींचतान (Price War) प्रारम्भ हुई थी।