रेल कर्मियों को लगा ये बड़ा झटका, 55 की उम्र वाले कर्मचारियों की सूची तैयार…

रेलवे की इस प्रक्रिया को लेकर कर्मचारियों में दहशत है। कर्मचारी संगठन भी आक्रोशित हैं। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के महामंत्री केएल गुप्त कहते हैं .

सरकार समीक्षा के नाम पर कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। एक तो पहले से ही कर्मचारियों की कमी है। हजारों पद रिक्त हैं। ऊपर से जो कर्मी तैनात हैं उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी है।

पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के प्रवक्ता एके सिंह कहते हैं कि यह व्यवस्था नीचे नहीं ऊपर से शुरू होनी चाहिए। सरकार को अपने मंत्रियों व अधिकारियों की उम्र व प्रदर्शन नहीं दिख रही। कर्मचारियों ही असहाय नजर आ रहे हैं। यह नियम नया नहीं है, लेकिन रेल मंत्रालय ने हथियार के रूप में इसका प्रयोग शुरू कर दिया है।

जानकारों के अनुसार समीक्षा में सिर्फ सेवा की अवधि और उम्र ही नहीं देखी जाएगी, बल्कि वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारियों के आचरण और व्यवहार को भी परखा जाएगा।

रेलवे के बनाए गए मानक में सेवा और उम्र में से कोई एक भी आ गया तो कर्मचारी की समीक्षा शुरू हो जाएगी। सेवा और उम्र के अलावा कर्मचारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट भी देखी जाएगी।

अगर कर्मचारी का कार्य व्यवहार रहा है तो उसे आगे सेवा का मौका मिल जाएगा। लेकिन अगर कार्य व्यवहार दुरुस्त नहीं हुआ तो जबरन रिटायरमेंट तय है। पूर्वोत्तर रेलवे में लगभग 50 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे के करीब 20 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने 30 वर्ष तक की नौकरी या 55 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले कर्मचारियों की सूची लगभग तैयार कर ली है।

समय से पहले सेवानिवृत्त करने के लिए अधिकारियों ने सूची के आधार पर अपनी समीक्षा भी शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे के सभी जोनल कार्यालयों से 30 सितंबर तक कर्मचारियों की सूची मांगी थी। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्ज्तनगर मंडल ने तो वाणिज्य विभाग के 17 कर्मियों की सूची संबंधित अधिकारी को सौंप भी दी है।