कर्मचारियों को लेकर रेलवे ने किया ये बड़ा एलान, 120 दिन के अंदर…

रेलकर्मी बनने के बाद अफसर फिर से नई तैनाती कर लेते थे. इससे रेलवे का कामकाज प्रभावित होता था लेकिन अब चतुर्थ श्रेणी की तैनाती बंगले पर नहीं हो पाएगी.

 

दरअसल, रेलवे में ज्यादातर अफसर अपने बंगले पर प्यून की सुविधा लेते हैं. TADKs के तहत कोई भी कर्मचारी 120 दिन काम करने के बाद ग्रुप डी श्रेणी में भारतीय रेलवे के अस्थायी कर्मचारी के रूप में माना जाता है. तीन साल की सेवा पूरी होने पर स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद पोस्टिंग स्थायी हो जाती है.

यह घोषणा रेलवे बोर्ड द्वारा गुरुवार को ब्रिटिश-युग की विरासत की समीक्षा के बाद एक आदेश में की गई. TADKs की नियुक्ति से संबंधित मुद्दा रेलवे बोर्ड की समीक्षा के अधीन है. इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि TADKs के रूप में नए चेहरे के किसी भी विकल्प को तत्काल प्रभाव से नहीं बनाया जाना चाहिए.

रेलवे में अफसर अब अपने बंगले पर TADKs (टेलीफोन अटेंडेंट-कम-डाक खलसिस) यानी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं रख सकेंगे. रेलवे बोर्ड ने नई तैनाती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही एक जुलाई के बाद की तैनाती की समीक्षा के लिए दिशा निर्देश जारी कर दए हैं.