दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लगने के बाद टेंशन में लोग , मडराने लगा ये संकट

कनॉट प्लेस ही नहीं अलग-अलग शहरों में कई रेस्टोरेंट चेन चलाने वाले रजनीश बहल का कहना है कि पिछले साल 22 मार्च को लॉकडाउन लगने के पांच महीने बाद अगस्त में रेस्टोरेंट खोलने की इजाजत सरकार ने दी थी.

अब नाइट कर्फ्यू की वजह से रात 9 बजे ही शटर डाउन हो जाता है और रात के 8 बजे ही लास्ट ऑर्डर लिया जाता है, लिहाजा रेवेन्यू लॉस बहुत बढ़ा हैं, क्योंकि लोगों की देर से खाने की आदत होती है. एक आंकड़े के मुताबिक पिछले लॉकडाउन में कनॉट प्लेस के अंदर करीब 50 रेस्टोरेंट और बार बंद हो चुके हैं.

कनॉट प्लेस स्थित रेस्टोरेंट और बार में हॉस्पिटैलिटी प्रोफेशनल सुनील टिक्कू का कहना है कि बार और रेस्तरां में सिर्फ फूड और ड्रिंक्स ही नहीं सर्व की जाती, बल्कि लोग इंटरटेनमेंट और मूड चेंज के लिए भी आते हैं.

चिलचिलाती धूप, गर्मी में लोग बाहर नहीं निकलते तो लेट नाइट ही आते हैं. रेस्टोरेंट में अधिक संख्या में लोग रात 9 बजे तक आते हैं, लेकिन 10 बजे नाइट कर्फ्यू की वजह से आखिरी ऑर्डर 8 बजे ही लिया जा रहा है. एडवांस बुकिंग कैंसिल हो रही हैं. टिक्कू ने इसे नाइट कर्फ्यू नहीं लॉकडाउन बताया है.

दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में नाइट कर्फ्यू से देर रात चलने वाले इन कारोबार पर होने वाले असर की पड़ताल में ये पाया कि पिछले लॉकडाउन के बाद ये व्यवसाय धीरे-धीरे उभरते हुए करीब 70 प्रतिशत पटरी पर लौट भी आए, लेकिन नाइट कर्फ्यू से डर है कि दोबारा ये 20 प्रतिशत पर ना गिर जाएं.

दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लगने के बाद व्या​पारियों में टेंशन हैं. कोरोना की रोकथाम के लिए व्यापारी दिल्ली सरकार के साथ होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनके व्यापार पर फिर से संकट मडराने लगा है.

रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक दिल्ली में नाइट कर्फ्यू का सबसे ज्यादा असर होटल, रेस्टोरेंट, बार, फार्महाउस और बैंक्वेट बिजनेस पर पड़ा है. इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों को धक्का लगा है, क्योंकि ये सभी रात के बिजनेस हैं.