भारत में सेक्स वर्कर्स के पास न जाएं लोग, नहीं होगा कुछ ऐसा…

इसलिए रेड लाइट एरिया को लॉकडाउन के बाद भी बंद रखा जाए. अमेरिका स्थित येल स्कूल ऑफ मेडिसिन सहित विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं ने ये दावा किया है.

 

अध्ययन के मुताबिक लॉकडाउन में ढील के बाद इन इलाकों में यौन गतिविधियों को रोक कर भारत कोविड-19 से होने वाली मौतों में 63 प्रतिशत तक कमी ला सकता है.

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) के मुताबिक देशभर में करीब 6,37,500 यौन कर्मी हैं और करीब पांच लाख ग्राहक रोजाना रेड लाइट एरिया में आते हैं.

रिसर्च में कहा गया है कि अगर कोविड-19 का प्रभावी इलाज या टीका विकसित होने तक रेड लाइट एरिया को बंद रखा जाता है तो भारतीयों को संक्रमण होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा.

वैज्ञानिकों ने कहा कि अध्ययन के नतीजों को भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझा किया गया है. उन्होंने सरकार से अनुशंसा की कि लॉकडाउन के बाद भी रेड लाइट एरिया को बंद रखा जाए.

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस पहल से 45 दिनों में 72 प्रतिशत कोविड-19 के मामलों में कमी आएगी और संक्रमण को चरम स्तर पर पहुंचने से 17 और दिनों तक टाला जा सकता है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि इस देरी से सरकार को और अधिक समय और जनता की सेहत एवं अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए उपाय करने का मौका मिलेगा.

बता दें कि भारत लॉकडाउन के चौथे चरण की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने अपने शोध में कहा कि अगर रेड लाइट एरिया खुला रहा तो बीमारी तेजी से फैलेगी और बड़ी संख्या में यौन कर्मियों एवं उनके ग्राहकों को संक्रमित करेगी.

लोग सेक्स वर्कर्स (Sex Workers) के पास न जाएँ. रेड लाइट एरिया (Red Light Area) में सेक्सुअल एक्टिविटीज़ न हों, तो कोरोना वायरस (Corona Virus) को काबू में पाया जा सकता है.

ये दावा वैज्ञानिकों का है. वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत कोविड-19 (Covid-19) का टीका विकसित होने तक ‘रेड लाइट एरिया’ को बंद कर संक्रमण के 72 प्रतिशत मामलों को रोक सकता है. इसके साथ ही महामारी के चरम में पहुंचने में 17 और दिन की देरी कर सकता है.