मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पप्पू यादव ने की ये बड़ी गुजारिश, कहा – मुझे मत भेजिए यहाँ…

उन्होंने आगे कहा, “मैं लालू यादव से आग्रह करूंगा कि ये वक्त एक होकर लड़ने का है. आज अगर मैं जेल जा रहा हूं तो मैं चाहूंगा कि तेजस्वी सड़क पर रहें. तेजस्वी वार्ड में जाएं. इलाज करवाएं.

खाना खिलाएं. दवाएं दिलाएं. ऑक्सीजन दें. अगर तेजस्वी सड़क पर जाएंगे तो हमारी पार्टी के लोग जमीन बेचकर खाना खिलाएंगे. मैंने दिन से ही खाना पीना छोड़ दिया है. अगर गरीबों को खाना देने से रोका गया तो मैं मुंह में पानी भी नहीं लूंगा. मैंने डेढ़ महीने नीतीश जी की मदद की.

अगर पप्पू यादव को मार देने से नीतीश जी का अस्पताल सही हो जाए तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है. मेरा बेल बहुत पहले टूटा था, मुझे जानकारी नहीं थी. मुझे साजिश के तहत गिरफ्तार किया गया है. इसमें प्रशासन का कोई दोष नहीं है. बीजेपी के दबाव में नीतीश जी ने पप्पू की बलि ली है.”

इससे पहले पप्पू यादव ने दोपहर में ट्वीट कर लिखा था, “मुझे मधेपुरा के 32 साल पुराने मुकदमे में जेल भेजा जा रहा है. पूरे दिन लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में बैठाकर रखा. फिर ढूंढकर मामला निकाला गया. बीजेपी के दबाव में सीएम नीतीश कुमार जी इतने कमजोर पड़ जाएंगे ये अंदाजा नहीं था.”

गिरफ्तारी के बाद पप्पू यादव ने कहा, “कोरोना के वक्त गिरफ्तारी क्या उचित थी? पहले लॉकडाउन का उल्लंघन बोला और फिर मधेपुरा के दूसरे केस में गिरफ्तारी कर दी. मेरा ऑपरेशन हुआ है, डॉक्टर ने 3 महीने का बेड रेस्ट बोला है. मेरा राजीव प्रताप रूड़ी से व्यक्तिगत कुछ नहीं था. मेरा मतलब एंबुलेंस से था जो आज भी 30 हजार रुपए लेता है.

नीतीश कुमार कहते हैं कि वो किसी को बचाते या फंसाते नहीं हैं. आज पूरे देश ने देख लिया. राजीव प्रताप रूड़ी के सामने घुटने टेक दिए. मैं हाथ जोड़कर नीतीश कुमार से बोल रहा हूं कि मुझे घर में डिटेन कर दीजिए लेकिन कोरोना में जेल मत भेजिए. मैं आज कोरोना निगेटिव हूं. अगर मैं पॉजिटिव होकर मर जाऊंगा तो आप एक परिवार को क्या दीजिएगा.”

शाम को उनके खिलाफ इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई थी. लेकिन अब उन्हें 32 साल पुराने एक किडनैपिंग के केस में गिरफ्तार कर लिया है. इस पर पप्पू यादव ने कहा कि मेरी सीएम से गुजारिश है, कोरोना के वक्त मुझे जेल मत भेजिए.

दरअसल, 1989 में मधेपुरा के उदाकिशुनगंज के कुमार खंड थाने में किडनैपिंग का एक केस दर्ज हुआ था. इस मामले में पप्पू यादव को भी आरोपी बनाया गया था. इस मामले में पप्पू यादव जमानत पर थे, लेकिन इसी साल मार्च में उनकी जमानत खत्म हो गई थी. जिसके बाद 22 मार्च 2021 को कोर्ट ने वारंट जारी किया था. इसी मामले में पप्पू यादव की गिरफ्तारी हुई है.

जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव को 32 साल पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे पहले सुबह उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था.