चीन का खरीद प्रबंध सूचकांक (PMI) जून में गिरकर 50.4 रहने के आसार हैं, जो मई में 50.6 पर था. इसका मतलब है कि फैक्ट्री गतिविधियां घट रही हैं.
हालांकि, अगर सूचकांक 50 से ऊपर रहता है तो से माना जाता है कि उत्पादन में वृद्धि हो रही है. वुहान में यात्रा पाबंदियों को अप्रैल में हटा लिया गया था.
इसके बाद चीन में लॉकडाउन के कारण हफ्तों तक ठप पड़ी रही अर्थव्यवस्था में सुधार शुरू हुआ. अब वहां स्थिति पहले से काफी बेहतर है. हालांकि, दुनियाभर में कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण निर्यात मांग कमजोर ही बनी हुई है. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की सेकेंड वेव को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया तो वैश्विक मंदी अनुमान से भी ज्यादा गंभीर होगी.
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में अभी भी कारोबारी गतिविधियां रफ्तार नहीं पकड़ पाई हैं. वहींं, चीन को भारत से टकराव अब धीरे-धीरे काफी भारी पड़ता जा रहा है.
दुनियाभर में चीन में बने सामान की मांग लगातार घट रही है. ऐसे में चीन में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों (Manufacturing Activities) की रफ्तार जून में धीमी हो गई है.
हालांकि, इस दौरान फैक्ट्री गतिविधियों में मामूली इजाफा नजर आ सकता है. वहीं, चीन की राजधानी बीजिंग (Beijing) में कोविड-19 के नए मामले सामने आने और दुनियाभर में संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण धीरे-धीरे डॉमेस्टिक रिकवरी (Domestic Recovery) सुस्त होने का खतरा बना हुआ है.