गलवान घाटी के बाद अब यहाँ पड़ी चीन की नजर, कर रहा कब्जा करने की कोशिश

तस्वीरों के आधार पर रक्षा एक्सपर्ट्स का कहना है कि पैंगोंग में ड्रैगन की भारी तैनाती गलवान से ज्यादा बनी है। भारत की तमाम गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए फिंगर-4 की चोटी पर चीन काबिज होने की पूरी कोशिश में लगा है।

 

पैंगोंग झील इलाके में चीन की सैन्य गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही है। इस पर भारत के सैन्य अधिकारियों का कहना है कि पूर्वी लद्दाख में चीन हालात को बदलने के प्रयास में लगा है।

इसके मद्देनजर चीन की चालबाजी को लेकर पहले से अलर्ट बना हुआ है। ऐसे में चीन से किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए भारत ने फिंगर-4 सहित अन्य इलाकों में पर्याप्त सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है।

इस मसले पर 6 जून को ले. जनरल स्तर पर बातचीत हुई। लेकिन 15 जून की रात घात लगाए चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

बता दें कि लद्दाख में सरहद पर भारत अपनी सीमा में सड़कें बना रहा है। इसको लेकर चीन में खासी नाराजी है। दोनों देशों में सड़कों के निर्माण को लेकर पिछले दो महीने से तनाव बना हुआ है.

सैटेलाइट की ताजा तस्वीरों ने, झील के फिंगर चार से आठ तक चीन सेना के जमावड़े की पोल खोलकर रख दी है। तस्वीरों से सामने आया है कि पैंगोंग इलाके में चीन के बड़ी तादाद में वाहन, तंबू, स्थायी बंकर और नौकाएं नजर आई है।

गलवान घाटी के बाद अब पैंगोंग झील पर चालबाज चीन की नजरें टिकी है। पैंगोंग एरिया में सैना की तैनाती बढ़ाने के साथ चीन अब कब्जे की कोशिश में है।