एक बार फिर सीमा पर नजर आया ये, बढ़ती जा रही…

हमारा मानना था कि जैसे चीन समृद्ध और मजबूत होगा, कम्युनिस्ट पार्टी अपने लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को पूरा करेगी, मगर दुर्भाग्य से हम गलत साबित हुए है।

 

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट सी ओ’ जंहा यह भी कहा जा रहा है कि ब्रायन ने कहा, आखिरकार यूएसए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और उसके खतरे के बारें में जान चुका है।

1930 के दशक के बाद से अमेरिकी विदेशी नीति की यह सबसे बड़ी असफलता है। हमने इस तरह की गलती कैसे की? हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का स्वभाव समझने में कैसे चूक गए?

इसका उत्तर सरल है क्योंकि हमने कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा पर ध्यान नहीं दिया। कम्युनिस्ट पार्टी अपने लोगों पर पूरा नियंत्रण करना चाहती है।

मिली खबर के मुताबिक, चाहे वह आर्थिक नियंत्रण हो या राजनीतिक, चाहे physical कन्ट्रोल हो या मानसिक। उसका एकमात्र मकसद पूर्ण नियंत्रण किया जा रहा है।

बीते कई दिनों से निरंतर हिंदु्स्तान और चीन को लेकर बढ़ रहे तनाव के कारण लोगों की परेशानी और भी बढ़ती जा रही है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हिंदु्स्तान के साथ जारी तनाव ने एक बार फिर साबित कर चुका है।

जहां चीन दूसरे देशों का सम्मान नहीं करता और वो जो भी कहता है, उसका कोई अर्थ नहीं होता। कई विशेषज्ञ भी चेता चुके हैं कि हिंदु्स्तान-चीन सीमा तनाव से कई देशों को सबक लेने की आवश्यकता है।