इन चार इलाको पर कब्‍जा करना चाहता है चीन, सामने आई ये रिपोर्ट

केंद्रीय तिब्बत प्रशासन के अध्यक्ष लोबसांग सांगे ने बताया कि भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बीजिंग की हालिया कार्रवाइयों को ‘पीपुल ऑफ तिब्बत रणनीति’ के रूप में देखा जा सकता है, जिसे चीन के संस्थापक पिता माओत्से तुंग ने पीपुल्स रिपब्लिक के रूप में रखा गया था।

 

पहली उंगली लद्दाख की है और अन्य चार नेपाल, भूटान, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में डोकलाम में हुई घटना और लद्दाख में अब जो चीन का चेहरा सामने आया है.

वह सब इसी रणनीति का हिस्सा है। इसी बात को लेकर तिब्बती नेता पिछले 60 वर्षों से भारत को चेतावनी देते आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘नेपाल और भूटान और अरुणाचल प्रदेश पर भी दबाव है।’

चीन ने जब तिब्बत पर कब्ज़ा किया गया था तब माओ ज़ेडॉन्ग और अन्य चीनी नेताओं ने कहा, ‘तिब्बत वह हथेली है, जिस पर हमें कब्जा करना चाहिए, फिर हम पांचों उंगलियों के पीछे जाएंगे।

भारत से तनाव कम कर शांति की बात करने वाले चीन की एक बार फिर पोल खुल गई है। उसने पहले पूर्वी लद्दाख में पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा, जो उसने दशकों से प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया था।

तिब्बती-सरकार-निर्वासन के नेता ने चीन के मंसबूों को लेकर भारत के लिए सख्त चेतावनी जारी की है, इसके लिए उसने कहा कि जो कुछ हुआ उसके बारे में तिब्बत को जानना जरूरी है।