अब इस देश में जाने के लिए पासपोर्ट की जगह दिखाना होगा ये, जानकर उड़े लोगो के होश

UAE में इस तकनीक को लेकर सर्विलांस की चर्चा भी शुरू हो गई है. UAE पर लंबे वक्त से आरोप लगते रहे हैं कि ये पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को अपने निशाने पर लेता रहा है.

ऐसे में लोगों को लग रहा है कि इस तरीके से इकट्ठा किए गए डाटा के जरिए कहीं निजी जानकारियों को इकट्ठा करना शुरू ना कर दिया जाए. वहीं, एमिरेट्स ने अपने बयान में डाटा के स्टोर करने और इसके प्रयोग को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी है. लेकिन इसने ये जरूर कहा है कि चेहरे की जानकारी को छोड़कर बाकी दूसरे डाटा का प्रयोग एमिरेट्स के दूसरे सिस्टम में किया जा सकता है.

एमिरेट्स और दुबई के आव्रजन अधिकारियों के जरिए डाटा को इकट्ठा किया जाता है. एमिरेट्स के बायोमेट्रिक प्राइवेसी स्टेटमेंट के मुताबिक, एयरलाइन यात्रियों के चेहरों को उनकी अन्य निजी पहचान वाली जानकारियों के साथ जोड़ती है.

इसमें पासपोर्ट और फ्लाइट संबंधी जानकारी शामिल होती है. इस डाटा को तब तक अपने पास रखा जाता है, जब तक कि इसकी जरूरत होती है. वहीं, इसमें कुछ विवरण भी दिए गए हैं, जिसमें डाटा का प्रयोग कैसे किया जाएगा और इसे कैसे संग्रहीत किया जाएगा शामिल है.

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) ने लोगों के बीच संपर्क को कम करने का काम किया है. ऐसे में इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नॉलोजी का प्रयोग कॉन्टैक्टलैस टेक्नॉलोजी के प्रमोशन के लिए किया जा रहा है.

इस सेवा की शुरुआत पिछले महीने की गई. इसके जरिए अब कुछ ही सेकेंड में यात्री पासपोर्ट कंट्रोल का काम पूरा करके फ्री हो जाते हैं. सरकार ने आइरिस डाटा को देश के फेशियल रिकग्निशन डाटाबेस के साथ जोड़ दिया है, जिससे यात्रियों को अब पहचान पत्र और बोर्डिंग पास की जरूरत नहीं पड़ने वाली है.

दुनिया के सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट में से एक दुबई एयरपोर्ट (Dubai Airport) की पहचान दुनिया के सबसे आधुनिक एयरपोर्ट में से एक रूप में होती है. यहां एयरपोर्ट पर दुनिया की कुछ सबसे बेहतरीन सेवाएं मिलती हैं.

वहीं, अब दुबई एयरपोर्ट पर एक ऐसा फीचर शामिल किया गया है, जो भविष्य की एक तस्वीर को पेश करता है. दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में प्रवेश करने और यहां से जाने वाले लोगों के लिए दुबई एयरपोर्ट पर आइरिस-स्कैनर (Iris Scanner) लगाए गए हैं.