(FILES) In a file picture taken on October 1, 2009 a China's military shows off their latest missiles during the National Day in Beijing. China's defence budget will rise 12.7 percent in 2011 to 601.1 billion yuan (91.7 billion USD), a government spokesman said on March 4, amid persistent concerns about Beijing's military build-up. AFP PHOTO / FREDERIC J. BROWN (Photo credit should read FREDERIC J. BROWN/AFP/Getty Images)

अब इस देश ने लिया चीन से पंगा, तैयार की मिसाइले

भारत के मध्यम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोनों के बेड़े में हेरोन्स सहित अधिकतर इजरायली हैं. पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा के अग्रिम इलाकों में इन्हें सेना और एयरफोर्स ने तैनात किया है. ड्रोन्स यह देखने में भी मदद कर रहे हैं कि चीनी सैनिक पीछे हट रहे हैं या नहीं या फिर उनकी तैनाती क्षमता क्या है.

सेनाओं ने प्रस्ताव रखा है कि इन ड्रोन्स को मजबूत सर्विलांस और टोही पेलोड से लैस किया जाए ताकि दुश्मन के ठिकानों पर नजर रखी जा सके और जरूत पड़ने पर उन्हें तबाह किया जा सके.

इस प्रॉजेक्ट पर जल्द ही रक्षा मंत्रालय की हाई लेवल कमिटी विचार करेगी, जिसमें रक्षा सचिव अजय कुमार भी शामिल होंगे, जो अभी तीनों सेनाओं के लिए सभी पूंजी खरीद के लिए इंचार्ज भी हैं.

ड्रोन्स में लेजर गाइडेड बम, हवा से जमीन पर और हवा से लॉन्च किए जाने वाले एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों को लोड किया जाएगा. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है.

चीता नाम के इस प्रॉजेक्ट की दोबारा समीक्षा की गई है. यह प्रॉजेक्ट काफी समय से लंबित है और इस पर 3500 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है. इस प्रॉजेक्ट के तहत तीनों सेनाओं के करीब 90 हेरोन ड्रोन्स को अपग्रेड किया जाएगा.

चीन से सीमा तनाव के बीच सेना इजरायली ड्रोन्स हेरोन को लेजर गाइडेड बम, गाइडेड मिसाइलों और एंटी टैंक मिसाइलों से लैस करना चाहती है ताकि दुश्मन के ठिकानों और आर्मर्ड रेजिमेंट्स को तबाह किया जा सके.