अब यहाँ पर अविवाहित लोग नहीं कर सकेंगे…बताया ग़ैर-क़ानूनी

क़ानून से छुपकर अविवाहित सेक्स करते हैं, लेकिन उन्हें पकड़े जाने का डर हमेशा सताता रहता है. अमेरिका में आने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले वर्जिनिया में ये मुद्दा भी ज़ोर-शोर से उठ रहा है.

 

डेमोक्रेटिक पार्टी के स्थानीय नेताओं ने वर्जिनिया हाउस ऑफ़ डेलीगेट्स ने गहमागहमी के बीच पिछले हफ़्ते इस क़ानून को रद्द करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी.

अब इसे सीनेट के पास भेजा गया है. सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद ही क़ानून में बदलाव आ सकता है. इससे पहले सदन में इस विधेयक पर बात करते हुए डेमोक्रेट नेता मार्क लेविन ने इसे ‘पागलपन भरा’ और ‘वाहियात’ क़ानून करार दिया.

उन्होंने HB 245 विधेयक पेश करते हुए कहा, “किसी को ये एहसास नहीं होना चाहिए कि बेहद सामान्य बात के लिए उन्हें सज़ा मिलने वाली है.”

कई नेताओं ने ये माना कि ये क़ानून बेहद दकियानूसी है और अविवाहितों को सेक्स से रोकना अमानवीय है. अब तक के क़ानून के मुताबिक़ सेक्स करते पकड़े जाने वाले अविवाहितों को साढ़े 17 हज़ार रुपए (250 डॉलर) तक का ज़ुर्माना भरना पड़ता था.

पहली बार पकड़े जाने पर कम, दोबारा पकड़े जाने पर ज़्यादा और बार-बार पकड़े जाने पर ज़ुर्माने की राशि उसी अनुपात में बढ़ती जाती है. एक ज़माने से वर्जिनिया का पर्यटन विभाग ‘लवर्स के लिए वर्जिनिया’ नामक स्लोगन के ज़रिए दुनिया भर के सैलानियों को अपनी तरफ़ खींचता रहा है, लेकिन इस दकियानूसी क़ानून में बदलाव की मांग बीते दो दशकों से ज़ोर-शोर से उठ रही है.

असल में वर्जिनिया के सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में इस क़ानून को असंवैधानिक क़रार देते हुए सरकार को निर्देश दिया था कि वो इस दिशा में उचित कदम उठाए. इसके क़रीब 15 साल बाद अब वर्जिनिया सरकार ने इस क़ानून को बदलने की दिशा में पहल की है.

अमेरिका दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है. यहां बराबरी के कई अधिकार बाक़ी दुनिया से बहुत पहले ही लोगों को मिल गए, लेकिन फिर भी वहां के कई राज्यों के क़ानून ऐसे हैं जो काफी दकियानूसी हैं. वर्जिनिया राज्य में सिर्फ़ शादीशुदा जोड़ों को ही क़ानूनी तौर पर सेक्स करने की इजाज़त है.